By अशोक मधुप | Jan 28, 2023
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दिल्ली में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पार्टी के लोगों को मर्यादित भाषा बोलनी चाहिए। उन्होंने पसमांदा मुस्लिम और बोहरा समाज से मुलाकात करने की नसीहत भी पार्टी कार्यकर्ताओं को दी है। इससे क्या ऐसा नहीं लगता कि भाजपा कट्टर हिंदुत्व के रास्ते से भटक रही है? दरअसल पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के उल्टे सीधे बयान के कारण कई बार केंद्र की भाजपा सरकार के सामने परेशानी खड़ी होती रही है। विशेषकर मुस्लिमों के बारे में तो ऐसा बोलना पिछले कुछ समय से कुछ नेताओं ने अच्छा समझा। भाजपा के कुछ नेता तो आपत्तिजनक बातें कहने के लिए विख्यात रहे हैं। भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा की मुहम्मद साहब के बारे में टिप्पणी को लेकर तो एक दर्जन मुस्लिम देश नाराजगी तक जाहिर कर चुके हैं। एक−दो देश ने तो अपने यहां भारतीय सामान की बिक्री पर रोक लगा दी थी। हालात यहां तक आए कि सरकार का इस मामले में सफाई देनी पड़ी। भाजपा ने इस बयान को गलत बताया तो सरकार ने भी कहा कि ये एक व्यक्ति का बयान है। सरकार का नहीं।
पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा कार्यकर्ताओं से सख्ती से कह चुके हैं कि इस प्रकार के बयान से बचा जाए। दूसरे धर्म को लेकर टिप्पणी न की जाए। अब फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी नसीहत पार्टी कार्यकर्ताओं को दी है। उन्होंने कहा कि टिप्पणी करते समय मर्यादित भाषा का प्रयोग करें। मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कहा कि शिक्षित मुसलमानों तक पहुंचे और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अवांछित टिप्पणी से बचें।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी सदस्यों को दूर-दराज के गांवों खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों का दौरा करने का निर्देश भी दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अवांछित टिप्पणियों का इस्तेमाल करने से बचें। पसमांदा मुस्लिम और बोहरा समाज से मुलाकात करने की नसीहत भी पीएम मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को दी है। पार्टी की बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए फडणवीस ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों को पूरे अनुशासन के साथ काम करने का निर्देश दिया। फडणवीस के अनुसार, प्रधानमंत्री ने उन मंत्रियों को भी फटकारा जो अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार थे। पीएम मोदी ने कहा कि अति आत्मविश्वास से सभी को बचना होगा। सभी को मेहनत करने की जरूरत है। अलग-अलग जगहों पर जाकर लोगों से मिलना है। राष्ट्रवाद की अलख हर जगह जलनी चाहिए।
दरअसल यह बैठक इस साल नौ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव और 2024 में होने वाले आम चुनाव की तैयारी के लिए हुई थी। भाजपा आने वाले समय के लिए अपने को तैयार करने में लगी है। इस साल के नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए वह अभी से कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। भाजपा मुस्लिमों के पसमांदा और बोहरा समाज पर अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। इसलिए पार्टी के मंत्रियों और कार्यकर्ताओं से उनके बीच जाकर सरकार की योजनाओं का प्रचार करने और बताने के निर्देश दिए गए हैं। भाजपा मानती है कि शिक्षित मुसलमान भी भाजपा को वोट दे सकता है, इसलिए उसे भी प्रभावित करने के लिए उससे कार्यकर्ता संपर्क बनाए। लगता है इसी कारण उसने मुसलमानों के बारे में दिए जाने वाले विवादास्पद बयानों से कार्यकर्ताओं और मंत्रियों को बचने की सलाह दी।
जहां तक हिंदुत्व के एजेंडे से बचने की बात है, उसकी बातों से ऐसा नहीं लगता। वह देश के प्रमुख धार्मिक स्थलों के सौंदर्यीकरण से नहीं बच रही। उसकी प्राथामिकता भी वही हैं, किंतु वह अब अनावश्यक विवाद से बचना चाहती है। भाजपा दुनिया में बन रही कट्टर हिंदुवादी छवि से बाहर आना चाहती है। वह जानती है कि हिंदू वोट उसका है ही, वह विकास के नाम पर जनहित की योजनाओं के नाम पर पार्टी से उन मुस्लिम को जोड़ना चाहती है, जो शिक्षित हैं और कट्टरता से दूर हैं। जो सरकारी योजना में प्रधानमंत्री आवास, पांच लाख तक का निःशुल्क उपचार, मुफ्त गैस कनेक्शन और मुफ्त शौचालय सुविधा का लाभ उठा चुके हैं। पिछले साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड आदि के विधानसभा चुनाव में भाजपा को पसमांदा बोहरा समाज और शिक्षित मुसलमान का कुछ प्रतिशत वोट मिला भी था। वह अब इस वोट प्रतिशत का बढ़ाना चाहती है।
भाजपा आगामी नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले चुनाव के लिए अभी से कमर कस चुकी है। अन्य पार्टियां जहां महिलाओं पर फोकस नहीं कर रहीं। भाजपा उनका बूथ स्तर तक संगठन बना चुकी है। इसके साथ ही वह नए 18 से 25 साल के वोटर को भी पार्टी से जोड़ने के लिए अभी से लगना चाहती है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से कहा भी गया है कि वह इन नए बने वोटर के बीच जाएं। पार्टी के एजेंडे से इन्हें परिचित कराएं। दरअसल यह ऐसा वोट है जो भाजपा और भाजपा के एजेंडे से अभी से जुड़ गया तो उम्रभर देशहित, हिंदुत्व और राषट्रवाद के मुद्दे से हटेगा नहीं।
-अशोक मधुप
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)