By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 17, 2017
बगदाद। इराक के प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने कहा कि इस्लामिक स्टेट संगठन के आतंकियों द्वारा तीन साल पहले मोसूल पर किए गए हमले में फंसे 39 भारतीय मजदूरों के साथ क्या हुआ इसका अब तक पता नहीं चल सका है। एसोसिएटेड प्रेस के साथ कल हुए एक साक्षात्कार में अल-अबादी ने कहा कि स्थिति “फिलहाल जांच के दायरे में है। मैं आगे इस पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।”
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जुलाई में मजदूरों के रिश्तेदारों से कहा था कि हो सकता है उन्हें मोसूल के बादुश कारागार में बंद कर रखा गया हो। इराकी बलों ने आईएस से इस जेल का कब्जा फिर से अपने हाथों में ले लिया था। अपहृत मजदूर इराक की एक निर्माण कंपनी में काम करते थे। 2014 में आईएस के इराक के उत्तर और पश्चिमी क्षेत्रों पर कब्जा करने से पहले हजारों की संख्या में भारतीय मजदूर यहां रहते और काम करते थे। नौ महीने की भीषण लड़ाई के बाद जुलाई में इराकी बलों ने आईएस पर जीत हासिल कर मोसूल पर फिर से कब्जा कर लिया था।