By अभिनय आकाश | Oct 26, 2021
साल की शुरुआत में ही इजरायल डिफेंस फोर्स के चीफ ने तैयारियों के लिए अरबों डॉलर का फंड अलॉट किया। साल 2015 के अमेरिका से ईरान के परमाणु समझौते में वापसी के संकेतों के बाद से ही इजरायल अलर्ट हो गया था। बाइडेन एडमिनिट्रेशन एक बार फिर ईरान के साथ परमाणु समझौते में जुड़ना चाहता है। इजरायल एयरफोर्स जल्द ही ईरान के न्यूक्लियर सेंटर पर अटैक की तैयारी शुरू करेगा। इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने ईरान के एटम बम के हमले के मद्देनजर ये तैयारियां शुरू की हैं।
इजरायल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार साल 2015 में अमेरिका और अन्य देशों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर के बाद इज़रायल ने ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर सैन्य हमले के मुद्दे को बैक बर्नर पर रखा। लेकिन 2018 में अमेरिका की ट्रंप सरकार द्वारा इस डील से हाथ पीछे खींच लिए गए। लेकिन ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन और रूस इस समझौते को बचाने में लगे रहे।
ईरान ने क्रास की रेड लाइन
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण में इज़रायली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट ने ईरान के परमाणु हथियार प्रोग्राम को नियंत्रित करने के लिए लगाए गए प्रतिबंधों को तोड़कर इसने ‘रेड लाइन’ का उल्लंघन किया है। लेकिन इजरायल तेहरान को परमाणु बम हासिल करने की मंजूरी नहीं देगा। संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए अपने पहले भाषण में बेनेट ने दावा किया कि इस्लामिक रिपब्लिक ने हाल के सालों में अपनी परमाणु क्षमता और हथियार-ग्रेड यूरेनियम को समृद्ध करने की क्षमता में एक बड़ी छलांग लगाई है।