IOA ने WFI के खिलाफ लिया बड़ा एक्शन, अब अधिकारी किए गए निलंबित

By रितिका कमठान | May 13, 2023

नयी दिल्ली। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने ताजा फैसला किया है जिसके चलते अब भारतीय कुश्ती संघ के सभी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। भारतीय ओलंपिक संघ के भारतीय कुश्ती महासंघ के सभी अधिकारियों को प्रतिबंधित कर दिया है। यानी अब महासंघ का कोई अधिकारी महासंघ के प्रशासनिक कार्य में हिस्सा नहीं ले सकेगा। इस संबंध में भारतीय ओलंपिक संघ ने एक ऑर्डर भी जारी किया है।

 

इस ऑर्डर के जरिए ये सुनिश्चित किया जाएगा कि महासंघ के अधिकारी किसी तरह के काम का संचालन ना करें। डब्ल्यूएफआई ने कहा कि उसे आईओए के आदेशों का पालन करने में कोई समस्या नहीं है क्योंकि वह पहले ही अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं। आईओए ने डब्ल्यूएफआई के दैनिक कार्यों के संचालन तथा इस राष्ट्रीय महासंघ के चुनाव को संपन्न करवाने के लिए तदर्थ समिति नियुक्त की है। यह तदर्थ समिति खेल मंत्रालय के आदेश पर नियुक्त की गई है।

 

जंतर मंतर पर प्रदर्शन में जुटे पहलवान

गौरतलब है कि देश के चोटी के पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक जैसे पदक विजेता पहलानों के नेतृत्व में पहलवानों का प्रदर्शन और धरना जंतर मंतर पर जारी है। पहलवान बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।

 

आईओए ने शुक्रवार को एक पत्र जारी करके कहा कि डब्ल्यूएफआई की सभी प्रशासनिक, वित्तीय और नियामकीय भूमिकाएं अब तदर्थ समिति निभाएगी। पत्र में कहा गया है,‘‘उपरोक्त (आईओए के 12 मई, 2023 के आदेश) के संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि कुश्ती के संचालन के लिए आईओए द्वारा नियुक्त तदर्थ समिति राष्ट्रीय खेल महासंघ के सभी कामकाज और जिम्मेदारियों को निभाएगी।’’ इसमें कहा गया है,‘‘ अब जबकि तदर्थ समिति अस्तित्व में है तब डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान पदाधिकारियों की इस महासंघ से जुड़े किसी भी तरह के कामकाज में कोई भूमिका नहीं होगी।’’ इसमें कहा गया है कि निवर्तमान पदाधिकारियों को तुरंत ही महासंघ से जुड़े सारे दस्तावेज तदर्थ समिति को सौंप देने चाहिए। 

 

डब्ल्यूएफआई के महासचिव वीएन प्रसूद ने कहा कि उन्हें आईओए पैनल के साथ संबंधित दस्तावेजों को साझा करने में कोई आपत्ति नहीं है। प्रसूद ने कहा,‘‘ यह आम प्रक्रिया है। जब निगरानी समिति गठित की गई थी तब भी हमने उन्हें सभी आवश्यक फाइलें सौंप दी थी। अब तदर्थ समिति है और डब्ल्यूएफआईके संचालन के लिए उन्हें जो भी दस्तावेज चाहिए हम उन्हें मुहैया कराएंगे।’ ’ उन्होंने कहा,‘‘ यह कोई मुद्दा नहीं है। हमारा कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है तथा आईओए और सरकार इसका कामकाज देख रहे हैं। इन दस्तावेजों को मांगना सामान्य प्रक्रिया है। 

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