By रेनू तिवारी | Apr 21, 2025
सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि रणवीर इलाहाबादिया मामले में जांच पूरी हो चुकी है और वह 28 अप्रैल को उनके पासपोर्ट की वापसी के संबंध में उनकी याचिका पर सुनवाई करेगा। लोकप्रिय पॉडकास्टर पर यूट्यूब पर समय रैना के शो इंडियाज गॉट लैटेंट पर अभद्र टिप्पणी करने के लिए जांच की गई थी। 18 फरवरी को, शीर्ष अदालत ने एक यूट्यूब शो के दौरान उनकी टिप्पणियों को लेकर दर्ज कई एफआईआर में गिरफ्तारी से अल्लाहबादिया को संरक्षण दिया था और उन्हें ठाणे के नोडल साइबर पुलिस स्टेशन के जांच अधिकारी के पास अपना पासपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा कि वह 28 अप्रैल को अल्लाहबादिया की याचिका पर विचार करेगी।
सुनवाई के दौरान असम और महाराष्ट्र पुलिस की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि गुवाहाटी एफआईआर में एक सह-आरोपी का बयान दर्ज किया जाएगा, जबकि मुंबई में एफआईआर के संबंध में जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन आरोप पत्र दाखिल किया जाना बाकी है। पीठ ने मेहता का बयान दर्ज किया और पाया कि जांच पूरी हो चुकी है। शीर्ष अदालत ने 3 मार्च को इलाहाबादिया को अपना पॉडकास्ट द रणवीर शो फिर से शुरू करने की अनुमति दी, बशर्ते कि वह "नैतिकता और शालीनता" बनाए रखे और इसे सभी उम्र के दर्शकों के लिए उपयुक्त बनाए।
इसके अलावा स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना की कानूनी परेशानियां जल्द खत्म होती नहीं दिख रही हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने साथी कॉमेडियन रणवीर अल्लाहबादिया की टिप्पणी को लेकर इंडियाज गॉट लेटेंट के विचारक को फटकार लगाई। जस्टिस सूर्यकांत ने सोमवार को कहा, 'हम आरोपों से वाकई परेशान हैं। हम ऐसे मामलों को रिकॉर्ड में रखते हैं... संबंधित व्यक्तियों को पक्षकार बनाते हैं... उपाय सुझाते हैं। फिर हम देखेंगे।' साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि बढ़ा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया को इंडियाज गॉट लेटेंट के एक एपिसोड में उनके और अन्य लोगों द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों से संबंधित मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण की अवधि भी बढ़ा दी है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस ने मामले की जांच पूरी कर ली है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने असम पुलिस से पूछा है कि क्या इलाहाबादिया के मामले में जांच पूरी हो गई है और आगे की जांच के लिए अब उसकी जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 28 अप्रैल को तय की है।