विश्वभर में मनाया जा रहा इंटरनेशनल पीस डे, जानिए कैसे हुई थी शुरुआत ?

By प्रज्ञा पाण्डेय | Sep 21, 2019

हिंसा, मार-काट मानव जाति के लिए हानिकारक है, इंटरनेशनल पीस डे दुनिया भर में शांति और सदभाव कायम करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इंटरनेशनल पीस डे हर साल शांति स्थापना हेतु 21 सितम्बर को मनाया जाता है। आइए आज हम आपको इंटरनेशनल पीस डे के महत्व के बारे में बताते हैं।

इंटरनेशनल पीस डे का उद्देश्य

विश्व शांति दिवस विश्व में शांति, सौहार्द और युद्ध एवं हिंसा से दूर रहने के प्रति जागरुकता फ़ैलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस दिवस का मुख्य उद्देश्य समस्त धरती पर शांति और अहिंसा कायम करना है। संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना का उद्देश्य दुनिया भर में चल रहे युद्ध, संघर्ष और अशांति को रोककर शांति कायम करना है। विश्व शांति दिवस संयुक्त राष्ट्र संघ के इस मकसद को आगे बढ़ाता है। इस संस्था का मकसद है शांति का संदेश दुनिया के सभी देशों में पहुंचाना। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिशा में कार्य करने के लिए साहित्य, खेल, सिनेमा और कला जगत के चर्चित व्यक्तित्व को शांतिदूत के रूप में चुना है। आज से तीन दशक पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा ने यह दिन सभी देशों में शांतिपूर्ण विचारों के प्रसार के लिए समर्पित किया था।

इसे भी पढ़ें: आधुनिक राजपथ पर होगी 2022 की गणतंत्र दिवस परेड, फरवरी 2021 से शुरू होगा काम

इंटरनेशनल पीस डे की हिस्ट्री 

अब कुछ इंटरनेशनल पीस डे पर चर्चा करते हैं। पीस डे का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इसे सबसे पहले 1982 में मनाया गया था। 1982 से 2001 तक इंटरनेशनल पीस डे सितम्बर महीने के तीसरे मंगलवार को मनाया जाता था। लेकिन सन 2002 से इसके नियमों में कुछ बदलाव किया गया। 2002 के बाद 21 सितम्बर को इंटरनेशनल पीस डे के रूप में मनाया जाता है।

भारत तथा विश्वशांति 

भारत दुनिया भर में विश्व शांति बनाए रखने के लिए अग्रसर है। भारत के लिए पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दुनिया भर में शांति कायम करने के लिए पंचशील का सिद्धांत दिया था। इन पंचशील के सिद्धांतों में पांच सिद्धांतों की चर्चा की गयी है जो दुनिया भर में शांति स्थापना के लिए वचनबद्ध हैं। 

इसे भी पढ़ें: एक देश एक भाषा पर बहस तेज, रिजिजू ने चिदंबरम के बहाने कांग्रेस से पूछा सवाल, राहुल ने दिया जवाब

बजती है खास घंटी

इंटरनेशनल पीस डे की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र शांति की घंटी बजाकर होती है। इस घंटी की एक खास बात यह है कि इस घंटी को अफ्रीका महाद्वीप को छोड़कर अन्य सभी महाद्वीपों के बच्चों द्वारा दान किए गए सिक्कों से बनायी जाती है। इसे जापान के युनाइटेड नेशनल एसोसिएशन ने उपहार में दिया था। इस घंटी की विशेषता यह है कि यह घंटी युद्ध में मानव की कीमत के स्मृति स्वरूप है। इस घंटी के एक तरफ लिखा हुआ है कि विश्व में शांति सदैव बनी रहे।

उड़ाए जाते हैं सफेद कबूतर 

इंटरनेशनल पीस डे के अवसर पर दुनिया हर देश में जगह-जगह सफ़ेद रंग के कबूतर उड़ाए जाते हैं। यह कबूतर शांति के प्रतीक हैं जो 'पंचशील' के सिद्धांतों को दुनिया भर में फैलाते हैं। विश्व शांति दिवस के उपलक्ष्य में सफ़ेद कबूतर उड़ाने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। कबूतर को शांत स्वभाव का पक्षी माना जाता है इसलिए उसे शांति तथा सदभाव का प्रतीक बनाया गया है।

- प्रज्ञा पाण्डेय 

प्रमुख खबरें

Manipur में फिर भड़की हिंसा, कटघरे में बीरेन सिंह सरकार, NPP ने कर दिया समर्थन वापस लेने का ऐलान

महाराष्ट्र में हॉट हुई Sangamner सीट, लोकसभा चुनाव में हारे भाजपा के Sujay Vikhe Patil ने कांग्रेस के सामने ठोंकी ताल

Maharashtra के गढ़चिरौली में Priyanka Gandhi ने महायुति गठबंधन पर साधा निशाना

सच्चाई सामने आ रही, गोधरा कांड पर बनी फिल्म The Sabarmati Report की PMModi ने की तारीफ