By निधि अविनाश | Jul 07, 2020
कोरोना महामारी को देखते हुए जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने हॉस्पिटल और इंश्योरेंस कंपनियों के लिए मरीजों की अधिकतम दरों की एडवाइजरी जारी की है। ये दरें दो आधार पर तय किए जाएंगे। पहला इलाके के आधार पर और दूसरा इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर। बता दें कि जनरल इंश्योरेंस काउंसिल ने नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर ये एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी के जारी होने के बाद देश के सभी 32 इंश्योरेंस कंपनियां प्राइवेट हॉस्पिटलों के साथ मिलकर कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए काउंसिल का पैकेज इस्तमाल करेगी। इससे मरीजों को तकलीफ न होने के साथ-साथ हॉस्पिटलों द्वारा वसूले जा रहे अलग-अलग कोरोना फीस की शिकायत भी नहीं मिलेगी।
साथ ही कोरोना के मरीजों के पास अपनी पॉलिसी होने के कारण हॉस्पिटल चुनने का अधिकार भी होगा। जानकारी के मुताबिक कई ऐसी रिपोर्ट आई है जिससे ये पता चला है कि कई हॉस्पिटल ऐसे है जिनकी कोरोना फीस ज्यादा वसूली जा रही है। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के मुताबिक इन नई दरों की हर महीने समीक्षा भी की जाएगी। इसके साथ ही अब कोई हॉस्पिटल मेट्रो शहरों में आईसीयू और वेंटिलेटर के लिए 15,000 रुपये/प्रतिदिन से अधिक चार्ज नहीं ले सकते हैं और नॉन मेट्रो शहर में 11,250 रुपये से अधिक नहीं चार्ज किया जाएगा। इसी तरह, आइसोलेशन बेड के लिए 8,000 रुपये की और बॉडी स्टोरेज के लिए 5,000 रुपये तय किए गए है। काउंसिल ने ब्लड शुगर जांच, एक्स-रे और ईसीजी जांच के लिए भी रेट तय किए हैं।