By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 29, 2021
नयी दिल्ली| बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) की उप-समिति ने बृहस्पतिवार को दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों को डीजल जेनरेटरों के उपयोग को रोकने और बस तथा मेट्रो सेवाओं की आवृत्ति बढ़ाने के अलावा पानी का छिड़काव समेत अन्य कदम उठाने के निर्देश दिये।
लगातार दो दिन दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता का सतर खराब रहने के कारण ये निर्देश दिए गए। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर के अनुसार, दिल्ली के पीएम2.5 प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी बृहस्पतिवार को बढ़कर 19 प्रतिशत हो गई, जो इस मौसम में अब तक का सबसे अधिक है।
इसके मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता का स्तर शुक्रवार तक बहुत खराब श्रेणी में खिसकने की संभावना है। बृहस्पतिवार को पिछले 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दिल्ली में 268, फरीदाबाद में 274, गाजियाबाद में 290, ग्रेटर नोएडा में 275, गुरुग्राम में 182 और नोएडा में 267 दर्ज किया गया।
उप-समिति की समीक्षा बैठक के दौरान भारत मौसम विज्ञान विभाग के डॉ वी. के. सोनी ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी हवाएं एक नवंबर की सुबह तक जारी रहेंगी और वायु गुणवत्ता को बहुत खराब श्रेणी में धकेल सकती हैं।