By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 04, 2019
नयी दिल्ली। इंफोसिस ने सोमवार को कहा कि पहली नजर में उसके शीर्ष प्रबंधन पर व्हिसिलब्लोअर समूह द्वारा लगाए गए आरोपों की पुष्टि के लिए उसे कोई सामक्ष नहीं मिला है। यह आरोप कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के एक समूह ने लागया है। उनका कहना है कि इन्फोसिस के शीर्ष अधिकारी अल्प अवधि में कंपनी की लागत कम दिखा कर उसके वित्तीय परिणामों को चमकाने के अनैतिक कार्य में लिप्त है। कंपनी ने कहा है कि इस आरोप की पुष्टि के लिए अभी उसे सबूत नहीं मिले हैं।
इसे भी पढ़ें: सोने-चांदी के भाव में उछाल, जानें क्या रहा आज का भाव?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में इंफोसिस ने कहा कि अज्ञात शिकायत (उसके मुख्य कार्यकारी और मुख्य वित्त अधिकारी के खिलाफ) के संबंध में प्रथम दृष्टया ऐसा कोई साक्ष्य नहीं मिला जिसके आधार पर कंपनी इन आरोपों की पुष्टि कर सके। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने 24 अक्टूबर को कंपनी से व्हिसिलब्लोअर समूह के आरोपों पर स्पष्टीकरण मांगा था। साथ ही पूछा था कि कंपनी ने इस संबंध में शेयर बाजारों को सूचना क्यों नहीं दी। खुद को ‘नैतिक कर्मचारी’ बताने वाले एक व्हिसिलब्लोअर समूह ने कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सलिल पारेख और मुख्य वित्त अधिकारी निलांजन रॉय के खिलाफ अनैतिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।