By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 14, 2019
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि मुद्रास्फीति नियंत्रण में है और औद्योगिक उत्पादन में सुधार के स्पष्ट संकेत दिख रहे हैं। उन्होंने अर्थव्यवस्था के लिये राहत की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के लक्ष्य से अच्छी खासी नीचे है। सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति चार प्रतिशत से नीचे रखने का लक्ष्य दिया है। हालांकि खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में कुछ तेज होकर 3.21 प्रतिशत पर पहुंच गयी लेकिन यह अब निर्धारित दायरे में है।
सीतारमण ने कहा कि 2018-19 की चौथी तिमाही में औद्योगिक उत्पादन से संबंधित सारी चिंताओं के बाद भी जुलाई 2019 तक हमें सुधार के स्पष्ट संकेत दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि आंशिक ऋण गारंटी योजना समेत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) में ऋण का प्रवाह सुधारने के कदमों की घोषणा के परिणाम दिखाई देने लगे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कई एनबीएफसी को फायदा हुआ है।’’ उन्होंने कहा कि गोवा में जीएसटी परिषद की बैठक से एक दिन पहले वह अर्थव्यवस्था में ऋण प्रवाह की समीक्षा करने के लिये 19 सितंबर को सार्वजनिक बैंकों के प्रमुखों से मुलाकात करेंगी।
सरकार ने आवास क्षेत्र, घर खरीदारों को प्रोत्साहित करने के कदमों की घोषणा की
सरकार ने रोजगार और मांग की दृष्टि से महत्वपूर्ण आवास निर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए निर्माणाधीन आवासीय परियोजनाओं को उनके आखिरी चरण का काम पूरा करने के लिये कर्ज उपलब्ध कराने हेतु 10 हजार करोड़ रुपये की विशेष सुविधा देने की शनिवार को घोषणा की। यह सहायता ऐसी परियोजनाओं को ही मिलेगी जो दिवाला संहिता के तहत एनसीएलटी में जाने या गैर निष्पादित सम्पत्ति (एनपीए) घोषित होने से बची हुई हैं। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां अर्थव्यवस्था को नरमी से उबारने के लिए एक औरा पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं के वित्त-पोषण के लिए सरकार करीब 10 हजार करोड़ रुपये की सहायता देगी। उन्होंने कहा कि इस काम में बाहरी निवेशकों से भी करीब इतनी ही राशि उपलब्ध होने का अनुमान है।
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उन्होंने कहा कि इससे किफायती तथा मध्य आय वर्ग के लिए बनायी जा रही आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस कोष का प्रबंधन पेशेवर लोग करेंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि भवन निर्माण के लिये कर्ज पर ब्याज दर को कम किया जाएगा तथा इन पर ब्याज की दर को 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के यील्ड (निवेश -प्रतिफल) से जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी नौकरी वाले लोग आवास की मांग में अहम योगदान देते हैं। इस व्यवस्था से सरकारी नौकरी वाले अधिक लोगों को नया घर खरीदने का प्रोत्साहन मिलेगा।’’ उन्होंने कहा कि डेवलपरों को विदेश से पूंजी जुटाने में मदद करने के लिये विदेश से लिये जाने वाले वाणिज्यिक ऋण से संबंधित दिशानिर्देश आसान बनाये जाएंगे।