By अनुराग गुप्ता | Feb 20, 2021
नयी दिल्ली। भारत की दो सबसे बड़ी और सबसे पुरानी विज्ञान अकादमियों ने शिक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर वेबिनार के लिए सरकारी मंजूरी लेने के नए दिशानिर्देश पर आपत्ति जताई। हालांकि तीसरी विज्ञान अकादमी भी इस पर विचार कर रही है। बता दें कि सरकार के हालिया आदेश में सभी वेबिनार के लिए सरकारी मंजूरी लेने को अनिवार्य कर दिया गया है।
भारतीय विज्ञान अकादमी, भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी और राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी में देश के शीर्ष 2,500 से अधिक वैज्ञानिक शामिल हैं। दो पुरानी विज्ञान अकादमियों ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर लगाए गए प्रतिबंध को वापस लेने की मांग की। सूत्रों ने बताया कि तीसरी अकादमी भी इस पर अपना समर्थन जताने के लिए विचार कर रही है।
15 जनवरी को जारी हुआ था आदेश
नवंबर 2020 में विदेश मंत्रालय द्वारा अधिसूचित नई प्रक्रिया के मद्देनजर वेबिनार से जुड़ा हुआ नया आदेश 15 जनवरी को जारी किया गया है। जिसके अनुसार ऑनलाइन सम्मेलन, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम इत्यादि के लिए सरकारी संस्थाओं (जिनमें सार्वजनिक रूप से वित्तपोषित शैक्षणिक संस्थान और विश्वविद्यालय शामिल हैं) को संबंधित प्रशासनिक सचिव की स्वीकृति लेनी पड़ेगी।
नए आदेश में यह भी कहा गया है कि वेबिनार के लिए अनुमति प्रदान करने से पहले यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वेबिनार देश/राज्य की सुरक्षा, सीमा, उत्तर पूर्वी राज्य, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख, भारत के आतंरिक मामलों से संबंधित नहीं है।
पहले वेबिनार आयोजित करने वाले व्यक्ति को विदेशी वक्ता बुलाने के लिए राजनीतिक मंजूरी लेनी पड़ती थी लेकिन वे किस विषय पर बोलते हैं इसके लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं थी। इसके अलावा भारत के आंतरिक मसलों से जुड़ी हुई कोई विशिष्ट श्रेणी भी प्रतिबंधित नहीं थी।
भारत की छवि बिगाड़ने की हो रही कोशिश
हाल ही में देखा गया है कि आंतरिक मामलों को लेकर भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। केंद्रीय कृषि कानूनों को लेकर पिछले ढाई महीने से किसानों का आंदोलन जारी है। ऐसे में विदेशी हस्तियों द्वारा किसानों के मुद्दे को लेकर भारत की छवि खराब करने की कोशिश की गई। जिस पर विदेश मंत्रालय ने सख्त टिप्पणी भी की थी।
इससे पहले भी देखा गया है कि जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 के कुछ प्रावधानों को निरस्त कर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था तो उसको लेकर कनाडा समेत कई देशों के विदेशी हस्तियों ने भारत की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खराब करने का प्रयास किया था। जिसके बाद भारत अपनी छवि को लेकर काफी सुरक्षात्मक रवैया रखता है।
भारतीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष पार्थ मजूमदार ने शिक्षा मंत्री पोखरियाल को लिखे पत्र में कहा कि अकादमी यह मानती है कि हमारे राष्ट्र की सुरक्षा को संरक्षित करने की आवश्यकता है लेकिन विज्ञान से जुड़े हुए कार्यक्रम कैसे भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बाधक बन सकते हैं।