By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 05, 2021
वाशिंगटन। मार्च में अमेरिका आई एक नवविवाहित भारतीय महिला ने पति पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है और न्याय पाने की आस में कई हफ्तों से दर-दर भटक रही है। बिहार के पटना की रहने वाली महिला ने भारत सरकार, यहां भारतीय दूतवास और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्यिक दूतावास के वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी गई एक शिकायत में कहा, “मेरे पति ने बिना किसी वित्तीय सहायता के मुझे अकेला छोड़ दिया है। मेरा यहां कोई आसरा नहीं है। भारत में मेरे माता-पिता ने मेरे ससुर से मदद मांगी है लेकिन वह मेरे पति के पास वापस मुझे भेजने के लिए दहेज मांग रहे हैं।”
अनामिका (परिवर्तित नाम) ने न्याय मांगने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय से भी संपर्क किया जिसने उसके पति को एफ-1 छात्र वीजा जारी किया था। उसने फ्रेडी मैक का भी रुख किया है जहां उसका पति अस्थायी रूप से कार्यरत है लेकिन उसे अब तक इस संबंध में कोई राहत नहीं मिली है। उत्पीड़न एवं प्रताड़ना इस स्तर पर पहुंच गई थी कि 15 जन को वाशिंगटन डीसी के वर्जीनिया उपनगर के मैकलेन स्थित उनके अपार्टमेंट में पुलिस को बुलाना पड़ा था। उसने अपनी शिकायत में लिखा, “पुलिस ने मुझे कैब में बिठाया।’’
स्थानीय फेयरफेक्स काउंटी पुलिस ने उसके पति के खिलाफ शिकायत दर्ज की और वह इसे आपराधिक शिकायत के तौर पर देख रहे हैं। उसने पीटीआई-को बताया, “पुलिस ने उसकी क्रूरता से मुझे बचाया क्योंकि मेरी जिंदगी खतरे में थी।” अनामिका ने उसकी शिकायत में कहा, “मैं अपने पति के साथ एक मार्च, 2021 को अमेरिका पहुंची थी और उसके साथ वर्जीनिया के मैकलेन में रह रही थी। अमेरिका पहुंच कर, मेरे पति ने मेरे साथ घरेलू हिंसा करनी शुरू कर दी थी और मेरे माता-पिता से दहेज मांगने लगे।” वहीं, पति ने आरोपों से इनकार किया है और पीटीआई-को बताया कि उसे फंसाया जा रहा है।
अनामिका का आरोप है कि उसका पति उसपर आरोप लगाता था कि वह गर्भवती होने से बचने के लिए कुछ न कुछ करती है और इसको लेकर वह उसके साथ दुर्व्यवहार करता था। ‘साउथ एशिया माइनोरिटीज अलायंस फाउंडेशन’ ने कहा कि वह अमेरिका में कार्य वीजा पर काम कर भारतीय या दक्षिण एशियाई पेशेवरों से विवाहित “लड़कियों के उत्पीड़न” के मामलों को विदेश मंत्रालय समेत अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के समक्ष उठाने की योजना बना रहा है।