By अभिनय आकाश | Nov 19, 2024
भारतीय तटरक्षक बलों ने एक बड़ा एक्शन किया है। खबर है कि इंडियन कोस्ट गार्ड के जहाज ने 17 नवंबर को सात भारतीय मछुआरों को बचा लिया। पाकिस्तानी मेरीटाइम सिक्योरिटी एजेंसी का जहाज पीएमएस नुसरत इन मछुआरों को जबरदस्ती गिरफ्तार करके अपनी सीमा पर ले जा रहा था। यानी भारत और पाकिस्तान सीमा के पास से इन मछुआरों को पकड़ रहा था। 17 नवंबर 2024 की दोपहर साढे़ तीन बजे भारतीय तटरक्षक बल के जहाज आईसीजी अग्रिम के पास एक इमरजेंसी कॉल आया। ये एक डिस्ट्रेस कॉल थी यानी मदद के लिए बुलावा। ये कॉल भारतीय फिशिंग बोर्ट काल भैरव से आई थी। जो नो फिशिंग जोन के पास मछली पकड़ रहा था। इसी पाकिस्तानी जहाज ने इंटरसेप्ट कर रोक लिया। उसके बाद उस पर मौजूद सात मछुआरों को पकड़कर वे पाकिस्तान ले जाने का प्लान कर रहे थे। लेकिन आईसीजी की अग्रिम ने फुल स्पीड में जाकर पाकिस्तानी जहाज नुसरत को रोका।
दो घंटे तक चूहा बिल्ली की तरह समुद्र में रेस चलती रही। इसके बाद पाकिस्तानी जहाज को कहा गया कि भारतीय मछुआरों को छोड़ दिया जाए। आखिरकार धमकी और समझाइस काम आई। पाकिस्तानी जहाज ने नाव और मछुआरों को छोड़ा। लेकिन काल भैरव नाव टूट गई और समुद्र में ही डूब गई। इसके बाद आईसीजी अग्रिम जहाज मछुआरों को लेकर गुजरात के ओखा बंदरगाह पर 18 नवंबर को वापस आई है। अब खुफिया एजेंसियां, राज्य की पुलिस मछुआरों से पूछताछ कर रही हैं। साथ ही ये रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है कि ये टकराव समुद्र में हुआ कैसे। लेकिन जिस तरह से भारतीय तट रक्षक बलों ने पाकिस्तान के आगे अपना एक्शन दिखाया।
अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि तटरक्षक बल को रविवार दोपहर को मछली पकड़ने के लिए निषिद्ध क्षेत्र (एनएफजेड) के पास काम कर रही एक भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव से संकटकालीन संकेत प्राप्त हुआ, जिसके बाद बचाव अभियान के लिए एक जहाज भेजा गया। इसमें कहा गया कि आईसीजी जहाज ने पीएमएसए जहाज को रोका और उन्हें भारतीय मछुआरों को छोड़ने के लिए राजी किया। आईसीजी जहाज सात मछुआरों को सुरक्षित वापस लाने में सफल रहा, जिनकी चिकित्सा स्थिति स्थिर पाई गई। तटीय सुरक्षा एजेंसी ने बताया कि हालांकि, घटना के दौरान भारतीय मछली पकड़ने वाली नाव काल भैरव क्षतिग्रस्त हो गई और डूब गई।