वाशिंगटन। वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने चेतावनी दी है कि भारत को ऐसा नहीं बनाया जाये जिससे इसकी आर्थिक और सांस्कृतिक शक्तियों पर विपरीत असर पड़े क्योंकि भारतीय संस्कृति में यह क्षमता है जो उसे 21वीं सदी में ‘‘प्रभावशाली’’ नेता बना सकती है। मेरीडियन इंटरनेशनल फोरम द्वारा गुरुवार को आयोजित ‘कल्चरल डिप्लोमैसी फोरम ऑन इंडिया’ में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुये 61 वर्षीय थरूर ने कहा कि दुनिया के नेतृत्व की भूमिका अदा करने की अकांक्षा से पहले भारत को आतंकवाद और गरीबी जैसी अपनी ‘‘आंतरिक समस्याओं’’ से पहले पार पाना होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय समाज और संस्कृति में ऐसे पहलू हैं जिन्हें दुनिया सरकारी पहलों से कहीं ज्यादा आकर्षक पाती है। थरूर ने अपने संबोधन में कहा, ‘‘आज वह पहलू सीधे-सीधे उन्हें भारत को लेकर सीधे राजी करे, लेकिन दुनिया में भारत की पहचान के लिये ये काफी अहम हैं।’’ थरूर ने कहा कि भारत ऐसी सभ्यता है जिसमें यहूदियों, पारसियों, ईसाइयों और मुसलमानों को सांस्कृतिक और धार्मिक स्वतंत्रता के साथ शरण दी।