By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 19, 2021
नई दिल्ली। ''हमारा पड़ोसी देश अब सूचनाओं के सहारे युद्ध लड़ने की कोशिश कर रहा है। लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि इस तरह के 'हाइब्रिड वॉरफेयर' से निपटने में भारतीय सेना पूरी तरह से सक्षम है।'' यह विचार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) ध्रुव कटोच ने भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) द्वारा सैन्य अधिकारियों के लिए आयोजित मीडिया संचार पाठ्यक्रम के समापन समारोह में व्यक्त किए। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो संजय द्विवेदी, अपर महानिदेशक (प्रशासन) के. सतीश नंबूदिरीपाड, अपर महानिदेशक (प्रशिक्षण) ममता वर्मा, डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह एवं प्रो. प्रमोद कुमार भी उपस्थित थे।
कटोच ने कहा कि मीडिया साक्षरता से हमें उस मनोवैज्ञानिक युद्ध का मुकाबला करने में भी मदद मिलेगी, जिसे आज हम पूरी दुनिया में देख रहे हैं। हमें भारत विरोधी ताकतों द्वारा एक उपकरण के रूप में अपनाए जा रहे इस मनोवैज्ञानिक युद्ध से सचेत रहना होगा। हमें यह सीखना होगा कि देश और देशवासियों की बेहतरी के लिए मीडिया की ताकत का इस्तेमाल कैसे किया जाए। इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि हमारे देश में सेना को हमेशा सम्मान और गर्व के भाव से देखा जाता है। इसलिए सभी सैन्य अधिकारियों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपनी संचार कुशलता से और संचार माध्यमों के सही प्रयोग से भारतीय सेना की उस छवि को बनाए रखें। प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मौजूदा समय बदलाव का समय है। 21वीं शताब्दी 'इंटरनेट और सोशल मीडिया' के युग की शताब्दी मानी जा रही है। आज फेक न्यूज अपने आप में एक बड़ा व्यापार बन गई है और डिजिटल मीडिया ने भी इसे प्रभावित किया है।
कार्यक्रम का संचालन विष्णुप्रिया पांडेय ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन गौरव नागपाल ने किया। आईआईएमसी प्रतिवर्ष सैन्य अधिकारियों के लिए मीडिया एवं संचार से जुड़े शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्सेज का आयोजन करता है। इन पाठ्यक्रमों में तीनों सेनाओं के कैप्टन लेवल से लेकर ब्रिगेडियर लेवल तक के अधिकारी हिस्सा लेते हैं। कोरोना के कारण इस वर्ष यह ट्रेनिंग प्रोग्राम ऑनलाइन आयोजित किया गया है। इस वर्ष लोक मीडिया से लेकर न्यू मीडिया एवं आधुनिक संचार तकनीकों की जानकारी सैन्य अधिकारियों को प्रदान की गई है। इसके अलावा न्यू मीडिया के दौर में किस तरह सेना एवं मीडिया के संबंधों को बेहतर बनाया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण भी अधिकारियों को दिया गया है।