By अंकित सिंह | Dec 27, 2023
विदेश मंत्री एस जयशंकर रूस के दौरे पर हैं। उन्होंने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग, अंतरराष्ट्रीय सामरिक स्थिति, युद्ध और तनाव पर चर्चा की। एस जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध “बेहद मजबूत, बेहद स्थिर हैं।” उन्होंने कहा कि वे हमारे रणनीतिक अभिसरण, हमारे भू-राजनीतिक हितों पर आधारित हैं, और क्योंकि वे पारस्परिक रूप से लाभप्रद हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय संगठन ब्रिक्स सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के संबंध में राजनीतिक सहयोग पर चर्चा करने में काफी समय बिताया।
एस जयशंकर ने कहा कि हमने इस तथ्य की सराहना की कि हमारा व्यापार सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर है। हमने पिछले साल 50 अरब डॉलर का कारोबार पार कर लिया है। हमें इस वर्ष इससे अधिक होने की उम्मीद है। जो महत्वपूर्ण है वह यह है कि यह व्यापार अधिक संतुलित है, यह टिकाऊ है, और यह उचित बाजार पहुंच प्रदान करता है। मुझे लगता है कि यह कल मेरी चर्चाओं का काफी हद तक हिस्सा था और थोड़ा आज मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी। उन्होंने कहा कि इस साल हम पहले ही छह बार मिल चुके हैं और यह सातवीं बैठक है।
विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच बातचीत इस साल जनवरी की दूसरी छमाही में फिर से शुरू की जाएगी। डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात पर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि हमने हमारे बहुपक्षीय सहयोग पर ध्यान दिया है। संयुक्त राष्ट्र में, रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने की भारतीय आकांक्षा का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक और निवेश को गहरा करने के लिए विशिष्ट समझौते किये गये हैं।
जयशंकर ने कहा कि इस साल दोनों पक्ष सहयोग की अलग-अलग अभिव्यक्तियों के गवाह बने। उन्होंने कहा, हम निरंतर प्रगति देखकर बहुत खुश हैं और हमें जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन में रूस की ओर से मजबूत भागीदारी की उम्मीद है। लावरोव ने कहा कि भारत और रूस के बीच संबंध बहुत लंबे समय से चले आ रहे हैं और बहुत अच्छे हैं, साथ ही यह देखना सुखद है कि वे वर्तमान समय में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।