नेपाल ने भारत से गत वर्ष के दौरान रिश्तों में आयी खटास के बीच विश्वास बहाली के वास्ते ‘‘वास्तविक मुद्दों’’ को सुलझाने के लिए कहा है और साथ ही उसे संविधान से जुड़े मुद्दों समेत हिमालयी देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने के खिलाफ आगाह किया है। नेपाल के विदेश मंत्री प्रकाश शरन महत ने वित्त मंत्री अरण जेटली और विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह के साथ बातचीत के बाद एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम पीछे नहीं देखना चाहते, हम आगे देखना चाहते हैं। हमारा ध्यान विश्वास बहाली पर है। नेपाल की तरफ से जो भी असल मुद्दे हैं, भारत को उन्हें हल करना चाहिए।’’
महत मंगलवार को भारत की प्रमुख भू-राजनीतिक पहल ‘‘रायसीना सम्मेलन-द्वितीय’’ में भाग लेने के बाद आज रवाना हो गये। उन्होंने भारत से नेपाल की जररतों की ओर ‘‘संवेदनशील’’ होने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने भारतीय समकक्ष को भी यह संदेश दे दिया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘उस घटनाक्रम से पहले कई सारी चीजें नहीं की गयी लेकिन एक ऐसा भी मौका आएगा जो दोनों पक्षों के लिए परीक्षा की घड़ी साबित होगा। हम फिर से उन बातों को दोहराना नहीं चाहते। अब हमारे संबंध सामान्य हैं लेकिन कई सारी चीजें आप आगे बढ़ता देखना चाहते हो और अगर ये आगे बढ़ती हैं तो बहुत भरोसा कायम होगा।’’ उन्होंने महाकाली पुल और विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं समेत नेपाल में भारत की मदद से चल रही परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया।
नेपाल के नए संविधान के ज्वलंत मुद्दे पर महत ने कहा कि उनकी सरकार समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा करने के लिए बाध्य है। नेपाल के लोगों के बीच अलगाव की भावना होना उसके लिए हितकर नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी पार्टी नेपाली कांग्रेस मधेसियों के मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है और इससे निपटने के लिए संविधान में दूसरे संशोधन पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि ये सभी नेपाल के ‘‘आंतरिक’’ मामले हैं।
महत ने कहा, ‘‘मधेसी नेपाल में हैं और नेपाली हैं। मेरी पार्टी का मधेस में मजबूत आधार है। हम मधेसियों के वास्तविक मुद्दों को हल करने के लिए हरसंभव कदम उठायेंगे। हम उनके हितों की रक्षा करना चाहते हैं। जब आप (भारत) इन मुद्दों को उठाते हो तो वे मधेसियों के मुद्दे नहीं रह जाते बल्कि भारत के मुद्दे बन जाते हैं। आप क्यों उन मामलों को हम पर नहीं छोड़ देते।?’’ हाल ही में नेपाल के कुछ राजनीतिक नेताओं के भारत विरोधी बयानों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि भारत को नेपाल के घरेलू मामलों में दखल नहीं देनी चाहिए बल्कि नेपाल के मुद्दों को हल करना चाहिए ताकि उन ताकतों को रोका जाए जो भारत और नेपाल के बीच अच्छे संबंध नहीं चाहतीं।