Shaurya Path: PM Narendra Modi US Visit से भारत को होने वाले बड़े लाभों से जुड़े मुद्दों पर Brigadier DS Tripathi (R) से बातचीत

By नीरज कुमार दुबे | Jun 15, 2023

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की गयी। हमने उनसे जानना चाहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका यात्रा पर जाने वाले हैं। दोनों देशों के गहराते रिश्तों और चीन की बढ़ती चुनौतियों के बीच यह यात्रा किन उद्देश्यों को पूरा करने वाली है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की इस अमेरिका यात्रा पर पूरे विश्व की नजरें लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि भारत का प्रधानमंत्री बनने के बाद अमेरिका की पहली राजकीय यात्रा पर जा रहे मोदी अमेरिकी संसद को भी संबोधित करेंगे जोकि हर भारतीय के लिए गौरव का अवसर होगा। प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा को लेकर जो उत्साह अमेरिका में देखा जा रहा है वह भी भारत की बढ़ती ताकत को प्रदर्शित कर रहा है।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, वर्तमान में अमेरिका-भारत सहयोग काफी मायने रखता है क्योंकि हम सभी तेजी से बदलती दुनिया का सामना कर रहे हैं। हम चीन की दादागिरी और जबरदस्ती तथा यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता देख रहे हैं। देखा जाये तो दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों के रूप में, भारत और अमेरिका की नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को संरक्षित करने में एक अनूठी भूमिका भी है। दुनिया देख रही है कि कैसे दो महान शक्तियों के बीच तकनीकी नवाचार और बढ़ता सैन्य सहयोग वैश्विक कल्याण के लिए एक शक्ति हो सकता है। इसके अलावा, अमेरिका-भारत साझेदारी हिंद-प्रशांत और व्यापक दुनिया के लिए एक मुक्त और समृद्ध भविष्य सुरक्षित करने में मदद करेगी।


उन्होंने कहा कि अमेरिका ने जून, 2016 में भारत को एक ‘बड़े रक्षा साझेदार’ का दर्जा दिया था, जिससे अहम रक्षा उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी को साझा करने का मार्ग प्रशस्त हुआ। पिछले साल मई में एक बड़े कदम के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने के लिए ‘अमेरिका-भारत अहम एवं उभरती प्रौद्योगिकी पहल’ की घोषणा की थी। आईसीईटी से दोनों देशों की सरकार, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच कृत्रिम मेधा (एआई), क्वांटम कंप्यूटिंग, 5जी और 6जी, बायोटेक, अंतरिक्ष और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में घनिष्ठ संबंध स्थापित होने की उम्मीद है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, मोदी और बाइडन के रिश्तों का जिक्र करें तो यह बेहद शानदार हैं। विभिन्न मंचों पर मोदी और बाइडन जब मिलते हैं तो उनकी मित्रता देखते ही बनती है। सबसे खास बात यह है कि अगले साल मोदी और बाइडन, दोनों को ही चुनावों का सामना करना है, इसलिए मोदी की इस यात्रा का रणनीतिक के साथ ही राजनीतिक महत्व भी है। मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर तो जा ही रहे हैं साथ ही इसी साल सितंबर में जब जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक नई दिल्ली में होगी तब अमेरिकी राष्ट्रपति भी उसमें शामिल होंगे।


उन्होंने कहा कि जहां तक मोदी की अमेरिका यात्रा का वहां की राजनीति के हिसाब से महत्व है तो आपको बता दें कि अमेरिका इस समय महंगाई और मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में उसे भारत की मदद की जरूरत है ताकि बाडइन अगले साल होने वाले चुनावों के दौरान मतदाताओं के कोप से बच सकें। इसी प्रकार मोदी भी भारत को तकनीक और निवेश दिलाने, भारत के सेमीकंडक्टर अभियान के लिए दोनों देशों के कार्यबल के लिए सहयोग बढ़ाने तथा अनिवासी भारतीयों के तमाम मुद्दों को सुलझाने के लिए बाइडन का सहयोग ले सकते हैं।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि इसके अलावा, इस साल की शुरुआत में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान कई महत्वपूर्ण तकनीकी समझौते भी किये थे जिससे भारत को सैन्य रणनीतिक रूप से भी कई लाभ होंगे। उसी दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका की राजकीय यात्रा का निमंत्रण दिया था। डोभाल की यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका तीन अरब डॉलर से अधिक की लागत वाले 30 ‘एमक्यू 9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन’ के सौदे को अंतिम रूप देने के एकदम करीब पहुँच गये थे। माना जा रहा है कि मोदी की यात्रा के दौरान इस सौदे पर हस्ताक्षर किये जा सकते हैं। इन ड्रोन्स की मदद से भारत को वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और हिंद महासागर के आसपास अपने समग्र निगरानी तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी। एमक्यू 9बी प्रीडेटर आर्म्ड ड्रोन को भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा तथा रक्षा जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन जल्द से जल्द इस सौदे को अमली जामा पहनाना चाहता है, क्योंकि इससे अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और राजनीतिक रूप से भी यह सौदा फायदेमंद होगा।


ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि मोदी की अमेरिका यात्रा के रणनीतिक महत्व पर गौर करें तो आपको बता दें कि इस दौरान इस बात पर जोर रहेगा कि ‘क्वाड’ जैसे समूहों को कैसे मजबूत किया जाये। बताया जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों नेताओं को कारोबार, प्रौद्योगिकी, शिक्षा, उद्योग, स्वच्छ ऊर्जा, रक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, अनुसंधान, लोगों के बीच सम्पर्क सहित साझा हितों से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों की समीक्षा करने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि यह भी बताया जा रहा है कि मोदी और बाइडन भारत-अमेरिका गठजोड़ को मजबूत बनाने और जी-20 सहित बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग बढ़ाने के रास्ते तलाशेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति की ओर से प्रधानमंत्री मोदी के लिए 22 जून को राजकीय भोज का आयोजन भी किया जायेगा जिसमें शामिल होने के लिए अमेरिका की बड़ी हस्तियों के बीच जो मारामारी मची हुई है उसका जिक्र तो खुद अमेरिकी राष्ट्रपति कर ही चुके हैं।

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