By डॉ. रमेश ठाकुर | Dec 27, 2021
किसी भी विकसित मुल्क के लिए ऊर्जा सेक्टर का आधुनिकीकरण और नवीकरणीय जरूरी है। इस दिशा में सरकार काम भी कर रही है। सन् 2030 तक ऊर्जा नवीकरणीय के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है। लक्ष्य के संबंध में विभागीय मंत्री राजकुमार सिंह से पत्रकार डॉ. रमेश ठाकुर ने विस्तृत बातचीत कर भविष्य की योजनाओं को जाना। बता दें कि राजनीति में आने से पूर्व राजकुमार सिंह एक वरिष्ठ आईएएस भी रहे हैं। प्रशासनिक कार्यकाल में वह अपनी कड़क मिजाजी के लिए जाने जाते थे। मोदी कैबिनेट में उनकी पहचान परफॉर्मर मंत्री के तौर पर भी है। आइये जानते हैं उनसे ऊर्जा सेक्टर में आगे क्या कुछ होगा।
प्रश्नः ऊर्जा नवीकरणीय का निर्धारित लक्ष्य कब तक पूरा कर पाएंगे?
उत्तरः ज्यादा वक्त नहीं लगना चाहिए। मुझे लगता है 8-9 वर्ष और लगेंगे। ऊर्जा नवीकरणीय के टारगेट को हासिल करने के लिए हम सभी तत्पर हैं वैसे, केंद्र सरकार ने 2022 के आखिर तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य निर्धारित किया है, इसमें से 60 गीगावाट पवन ऊर्जा से, 100 गीगावाट सौर ऊर्जा से, 10 गीगावाट बायोमास ऊर्जा से तथा 5 गीगावाट लघु पनबिजली से शामिल है। इसके अलावा ऊर्जा नवीकरणीय के नए स्रोतों पर भी काम जारी है।
प्रश्नः केंद्र सरकार के अनुसार ऊर्जा क्षेत्र में पिछले 15 वर्षों से कहीं बेहतर काम बीते कुछ ही वर्षों में हुआ है?
उत्तर- बिल्कुल सच बात है। ये हम नहीं कह रहे हमारे काम के आंकड़े बोल रहे हैं। 2014 तक ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सिर्फ चमकती थी, जबकि हमारी सरकार ने उसे यथावत किया है। अब बिजली चमकती नहीं, स्थिर रहती है। गांवों में पहले मात्र कुछ ही घंटे बिजली आती थी। पर, अब 20 से 22 घंटे बिजली ग्रामीण इलाकों में रहती है। इन घंटों में और बढ़ोत्तरी की जाएगी। क्योंकि हम लगातार बिजली क्षमता बढ़ाने में लगे हैं। 2030 तक लक्ष्य निर्धारित किया है, उसके पूरा होने पर गांव-शहर में एक जैसी बिजली मुहैया कराई जाएगी।
प्रश्नः बीते दो वर्षों में कितने घरों में बिजली पहुंचाई गई है?
उत्तर- पिछले पांच-सात वर्षों में जितना काम ऊर्जा क्षेत्र में हुआ है और वह भी नवीकरणीय तरीके से, उतना कभी नहीं हुआ। कोरोना आपदा के बीच भी बिजली पहुंचाने का कार्य जारी रहा। बीते 18-19 महीनों में 2 करोड़ 82 लाख घरों में बिजली पहुंचाई गई है। जहां बिजली की उपलब्धता ज्यादा महसूस हुई, उन क्षेत्रों को उस हिसाब से बिजली मुहैया कराई गई। ये सिलसिला लगातार जारी है।
प्रश्नः देश के दूरदराज गांव अब भी विद्युतीकरण से दूर हैं?
उत्तर- आप आंकड़े उठाकर देखें, तो 2014 के बाद तस्वीर बदली हुई दिखाई देगी। हमने 18500 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम किया है। ये ऐसे गांव थे, जहां के लोगों को बिजली पहुंचने का सपना-सा लगता था। प्रधानमंत्री का एक ही सपना है, प्रत्येक गांव में बिजली हो, प्रत्येक घर में रौशनी फैले। मेरा मंत्रालय उसी दिशा में लगातार काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान ये ऐसे राज्य हैं जहां के गांवों में बिजली नहीं हुआ करती थी। आज इन राज्यों में बिजली का जाल बिछा दिया गया है।
प्रश्नः नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 2030 तक कुछ लक्ष्य भी बनाया है?
उत्तर- बिजली बनाने के संसाधन जुटाए जाएंगे, जिससे खपत के अनुसार बिजली की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना होगा। करीब पांच सौ मेगावाट बिजली का लक्ष्य है। 200 पूरा किया जा चुका है। 2030 तक एक और लक्ष्य पूरा किया जाना है। शहर-गांव में एक जैसी बिजली मुहैया हो, इसके लिए प्रधानमंत्री ने हमें टारगेट भी दिया है, उसे पूरा करने में हम लगे हैं।
प्रश्नः एग्रीकल्चर उपकरणों को बिजली युक्त बनाने का भी मसौदा तैयार हुआ है?
उत्तर- जी हां। खेती-किसानी उन्नत हो इसके लिए केंद्र सरकार हर जरूरी कदम उठा रही है। कृषि ऐसा एकलौता क्षेत्र है जो जीडीपी में बड़ा योगदान देता है। इसलिए कृषि को हल्के में नहीं लिया जा सकता। हमने देखा है कि खेती-किसानी अभी तक डीजल इंजन और जेनेरेटर आदि पर ही निर्भर रही है। हम चाहते हैं खेती के सभी उपकरण बिजली से जुड़ें। जैसे, ट्यूवबेल, ट्रैक्टर और फसल कटाई की आधुनिक मशीनें सभी बिजली से संचालित हों। इससे किसानों की तमाम समस्याएं भी खत्म होंगी।
-डॉ. रमेश ठाकुर