By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 25, 2021
नयी दिल्ली। भारत डिजिटल और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में अपनी अंतर्निहित क्षमता के बूते 5जी के दौर में ‘निर्णायक भूमिका’ निभाएगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के सचिव एस के गुप्ता ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। गुप्ता ने कहा कि इसके अलावा उदार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) व्यवस्था, प्रगतिशील विनिर्माण कार्यक्रम और आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य की वजह से बड़ा निवेश लाने में मदद मिलेगी, जिससे दूरसंचार बाजार वृद्धि दर्ज करेगा। गुप्ता ने कहा, ‘‘दूरसंचार उपकरणों के आयात पर अत्यधिक निर्भरता चिंता का विषय है। इसका वित्तीय और सुरक्षा प्रभाव पड़ता है। इसके लिए बेहतर योजना बनाकर घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। मौजूदा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है और इससे दूरसंचार विकास के क्षेत्र में नए अवसर पैदा हुए हैं।’’
ट्राई के सचिव ने कहा, ‘‘दूरसंचार नेटवर्क में जबर्दस्त वृद्धि हुई है, लेकिन हम दूरसंचार उपकरणों के आयात पर काफी हद तक निर्भर हैं। हर साल दूरसंचार आयात एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहता है, जो चिंता की बात है।’’ उन्होंने कहा कि अब हमारा ध्यान उपकरणों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने पर है। पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के एक वेबिनार को संबोधित करते हुए गुप्ता ने कहा, ‘‘दूरसंचार उपकरणों के आयात का न केवल वित्तीव प्रभाव होता है, बल्कि इससे सुरक्षा चिंता भी बढ़ती है। आपूर्ति श्रृंखला कुछ क्षेत्रों तक सीमित रहने के जोखिम की ओर दुनिया के नेताओं का ध्यान गया है।’’
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत सरकार का सही समय पर उठाया गया कदम है। ‘‘मौजूदा वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित है और दूरसंचार विकास क्षेत्र में नए अवसर उभर रहे हैं।’’ गुप्ता ने कहा कि सॉफ्टवेयर और डिजिटल ढांचे में अपनी ताकत के जरिये भारत 5जी के दौर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि उदार एफडीआई व्यवस्था तथा दूरसंचार उपकरण क्षेत्र के लिए उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से देश का विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र मजबूत होगा जिससे भारतीय बाजार में बड़ा निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।