By अनुराग गुप्ता | Oct 26, 2021
नयी दिल्ली। रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल रिटायर्ड संजय कुलकर्णी ने चीन के साथ जारी विवाद पर बातचीत करते हुए कहा कि चीन की मंशा भारत के साथ विवाद को नहीं सुलझाने की है और वो चाहता है कि भारत पर दबाव बनाए रखा जाए।
उन्होंने कहा कि चीन का मौजूदा विवाद भूटान और हिन्दुस्तान के साथ चल रहा है। उसे यह लगता है कि भूटान के साथ उसका विवाद का समाधान हो जाएगा। जबकि एशिया के अंदर अगर चीन को कोई चुनौती दे सकता है तो वो भारत है। ऐसे में चीन को लगता है कि वो दुनिया का मध्य बिंदु है और उसे एक विरासत मिली है जिसे वो पाना चाहता है।
संजय कुलकर्णी ने कहा कि शी जिंगपिंग का मानना है कि हम आए हैं और हम ही रहेंगे। 1950 से लगातार बातचीत हो रही है उसके बाद भी कुछ नहीं हुआ और 1996 में शांति समझौता हुआ इसके बावजूद अगर गलवान विवाद हुआ। ऐसे में चीन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है।उन्होंने कहा कि चीन 30 साल तक लगातार 10 फीसदी ग्रोथ रेट से बढ़ता रहा है और अब वो तरक्की में आ गया है। ऐसे में उसे लगता है कि अब मैं टक्कर लेने वाला हो गया हूं। रक्षा विशेषज्ञ संजय कुलकर्णी ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री संसद में कह चुके हैं कि अक्साई चीन और पाक अधिकृत कश्मीर हमारा है।भारत-चीन वार्ता गतिरोध
उन्होंने कहा कि चीन ने अड़ियल रवैया अपनाया है। हमें चीन से कोई उम्मीद नहीं करनी चाहिए क्योंकि वो सिर्फ और सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए ही करेगा जो भी करेगा। ऐसे में हमें अपनी कार्रवाई करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सभी ने देखा कि जितना जमावड़ा चीन का है ठीक वैसा ही हमारा भी है। हमने भी अपना ढ़ाचा मजबूत किया है। जवानों के रहने का बंदोबस्त किया गया है।रक्षा विशेषज्ञ ने कहा कि सर्दियों में रहने, खाने, हथियारों इत्यादि का बंदोबस्त करना है और यह कर भी रहे हैं। वहां पर हवा 100 किमी की रफ्तार से चलती है और ऐसे में वहां पर रहना सबसे बड़ी चुनौती है और हम उसके लिए तैयार हैं क्योंकि हम पहले भी रहते थे। उन्होंने कहा कि हम चीन से आगे हैं, परेशानी उनके लिए है हमारे लिए नहीं।उन्होंने कहा कि शक्ति में ही शांति है और शांति में ही विकास है और विकास से ही देश चलता है। भारत समृद्ध और सक्षम है और यह चीन को पता है इसीलिए वह दादागिरी करने की कोशिश कर रहा है और हम सोचे कि चीन लड़ाई नहीं लड़ेगा तो वो गलत होगा क्योंकि वह कभी भी अपना मन बदल सकता है।