By रेनू तिवारी | Oct 10, 2024
रतन टाटा दुनिया के सबसे प्रभावशाली उद्योगपतियों में से एक थे, फिर भी वह कभी अरबपतियों की किसी सूची में नजर नहीं आए। उनके पास 30 से ज्यादा कंपनियां थीं जो छह महाद्वीपों के 100 से अधिक देशों में फैली थीं, इसके बावजूद वह एक सादगीपूर्ण जीवन जीते थे। रतन नवल टाटा का बुधवार रात को 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया। सरल व्यक्तितत्व के धनी टाटा एक कॉरपोरेट दिग्गज थे, जिन्होंने अपनी शालीनता और ईमानदारी के बूते एक अलग तरह की छवि बनाई थी। रतन टाटा 1962 में कॉर्नेल विश्वविद्यालय, न्यूयॉर्क से वास्तुकला में बी.एस. की डिग्री प्राप्त करने के बाद पारिवारिक कंपनी में शामिल हो गए।
आरएसएस ने दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक जताया 'भारत ने एक अमूल्य रत्न खो दिया'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन नवल टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया। वे 86 वर्ष के थे। पद्म विभूषण से सम्मानित टाटा सोमवार से अस्पताल में गहन देखभाल में थे। दो दशक से अधिक समय तक नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले समूह के चेयरमैन रहे टाटा ने बुधवार रात 11.30 बजे दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। आरएसएस के आधिकारिक एक्स हैंडल ने भागवत द्वारा लिखा गया एक नोट पोस्ट किया।
एक्स पोस्ट में लिखा गया है, "देश के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा का निधन सभी भारतीयों के लिए अत्यंत दुखद है। उनके निधन से भारत ने एक अमूल्य रत्न खो दिया है। भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा के योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उन्होंने उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नई और प्रभावी पहल के साथ-साथ कई उत्कृष्ट मानक स्थापित किए। समाज के हित में सभी प्रकार के कार्यों में उनका निरंतर सहयोग और भागीदारी बनी रही। चाहे राष्ट्र की एकता और सुरक्षा की बात हो या विकास का कोई पहलू या कार्यरत कर्मचारियों के हित की बात हो, रतन जी अपनी अनूठी सोच और कार्यों से प्रेरणादायी रहे।"
पोस्ट में आगे लिखा गया है कि अनेक ऊंचाइयों को छूने के बाद भी उनकी सादगी और विनम्रता का अंदाज अनुकरणीय रहेगा। हम उनकी पावन स्मृतियों को कोटि-कोटि नमन करते हैं और अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को मोक्ष प्रदान करें।" रतन टाटा 1991 में टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने
टाटा ने कई टाटा समूह फर्मों में काम करने का अनुभव प्राप्त किया, जिसके बाद उन्हें 1971 में नेशनल रेडियो एंड इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी का निदेशक नियुक्त किया गया। एक दशक बाद वे टाटा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन बने और 1991 में उन्होंने अपने चाचा जेआरडी से टाटा समूह के चेयरमैन का पद संभाला, जो आधी सदी से भी अधिक समय से टाटा समूह के चेयरमैन थे। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, इथाका, न्यूयॉर्क से शिक्षा प्राप्त करने वाले इस दिग्गज उद्योगपति ने 1962 में भारत लौटने के बाद परिवार द्वारा संचालित समूह में काम किया।
दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताया
दिल्ली के उपराज्पाल वी.के सक्सेना, मुख्यमंत्री आतिशी और आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने उद्योगपति रतन टाटा को बृहस्पतिवार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी और उनकी सादगी, करुणा, काम के प्रति उनकी विनम्रता एवं जुनून को हमेशा याद रखा जाएगा। टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन नवल टाटा का बुधवार रात 11.30 बजे दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 86 वर्ष के थे।
टाटा हमेशा प्रेरणास्रोत बने रहेंगे
‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भारत ने अपना सच्चा ‘रत्न’ खो दिया, जिन्होंने असंभव को संभव बना दिया था। केजरीवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि रतन टाटा की विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी। उपराज्यपाल सक्सेना ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘रतन टाटा! आपने न केवल अपनी विरासत को आगे बढ़ाया बल्कि उसे समृद्ध और उन्नत भी किया। आपके निधन पर मेरी श्रद्धांजलि। भारत आपको हमेशा याद रखेगा।’’ आतिशी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रतन टाटा ने नैतिक नेतृत्व का उदाहरण प्रस्तुत किया तथा देश और उसके लोगों के कल्याण को सदैव सर्वोपरि रखा।’’ दिल्ली की मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘.....उनकी सादगी, शालीनता, सौम्यता, दयालुता, विनम्रता और बदलाव लाने के जुनून को हमेशा याद रखा जाएगा। उनके परिवार और प्रियजनों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
रतन टाटा का पार्थिव शरीर उनके घर से एनसीपीए ले जाया गया
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर उनके घर से बृहस्पतिवार की सुबह दक्षिण मुंबई स्थित ‘राष्ट्रीय प्रदर्शन कला केंद्र’ (एनसीपीए) ले जाया गया, जहां लोग उनके अंतिम दर्शन करेंगे। सफेद फूलों से सजे वाहन में उनका पार्थिव शरीर एनसीपीए ले जाया गया। एनसीपीए से कुछ किलोमीटर दूर स्थित टाटा के घर से वाहन के रवाना होने से पहले मुंबई पुलिस बैंड ने उनके सम्मान में एक धुन बजाई। जैसे ही उद्योगपति टाटा के निधन की खबर फैली, विभिन्न क्षेत्रों से लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए दक्षिण मुंबई स्थित उनके आवास पर बृहस्पतिवार की सुबह एकत्रित हुए। क्रिकेट के मशूहर खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए कोलाबा स्थित उनके आवास पर सबसे पहले पहुंचने वाले व्यक्तियों में शामिल थे। टाटा समूह को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित समूह में बदलने वाले रतन टाटा का बुधवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनने के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर और उद्योगपति मुकेश अंबानी अस्पताल पहुंचे थे। टाटा का पार्थिव शरीर अस्पताल से पुलिस वाहनों की सुरक्षा में एम्बुलेंस सेकोलाबा स्थित उनके आवास पर बृहस्पतिवार की सुबह ले जाया गया।