By रितिका कमठान | Dec 25, 2022
एक तरफ चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के नए वेरिएंट बीएफ.7 का कहर फैला हुआ है। भारत में इसी बीच भारत बायोटेक का नाक से दिया जाने वाला टीका iNCOVACC (इनकोवैक) को कोविन ऐप से लिंक कर दिया है। हालांकि अब तक इनकोवैक की कीमत और उपलब्धता के संबंध में खुलासा नहीं हुआ है। इनकोवैक को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी ने बनाया है। माना जा रहा है कि इसकी कीमत को लेकर अगले सप्ताह तक जानकारी सामने आएगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया का कहना है कि केंद्र सरकार ने कोविड 19 टीकाकरण अभियान में इनकोवैक को मंजूरी दी है। शुरुआत में ये वैक्सीन प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध होगी।
अगर कोविड 19 संक्रमण से लड़ने के लिए वैक्सीन निर्माण की बात की जाए तो अप्रैल 2020 में वेक्सीन के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया। बजट में 35 हजार करोड़ रुपये वैक्सीन के शोध और विकास के लिए रखे गए। पीएम केयर्स फंड बना कर कोविड के खिलाफ लड़ाई को मजबूत किया गया। सिर्फ 8 महीने में केवल दो दो वैक्सीन भारत को मिल गई बल्कि इनके भंडारण, परिवहन, कोल्ड चेन तक की पूरी रूपरेखा बनाकर 16 जनवरी 2021 से विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया गया। हर घर दस्तक और सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन जैसे अभियान चलाकर भारत ने अधिकतम लोगों तक वैक्सीन पहुंचाई। भारत में टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति के साथ कोरोना वायरस संक्रमण जैसी भयानक महामारी से लड़ाई की गई। भारत ने अन्य देशों को भी कोविड टीका उपलब्ध कराया।
केंद्र सरकार ने इस दौरान हर घर दस्तक और सबको वैक्सीन, मुफ्त वैक्सीन जैसे अभियान चलाए जिससे देश भर के अधिक से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा सके। टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति के तहत काम करते हुए भारत ने कोरोना वायरस महामारी से अपनी लड़ाई को जारी रखा। इतना ही नहीं भारत सरकार ने देश के लोगों के साथ साथ विदेशों में भी टीका भेजकर करोड़ों लोगों की जान बचाई।
टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद 100 करोड़ के आंकड़े को छुने में भारत को नौ महीने का समय लगा। बता दें कि टीकाकरण को लेकर भी भारत ने खास उपलब्धि हासिल की थी। दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस यानी 17 सितंबर 2021 के मौके पर एक दिन में सर्वाधिक टीकाकरण का रिकॉर्ड बनाया गया था। इस दौरान एक दिन में ही 2.5 करोड़ टीके देश भर में लगाए गए थे।
बता दें कि भारत में केंद्र सरकार ने 15 जुलाई 2022 को सरकारी कोविड टीकाकरणकेंद्रों में सभी पात्र व्यस्क आबादी के लिए निशुल्क एहतियाती खुराक देने के लिए 75 दिवसीय कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव की शुरुआत भी की थी। बता दें कि एक तरफ जहां चीन, अमेरिका जैसे देशों में कोरोना वायरस संक्रमण फिर विकराल रूप धारण कर रहा है। इसी बीच भारत में कोरोना वायरस गाइडाइंस का फिर से पालन करने के निर्देश जारी किए जा रहे है। स्वास्थ्य मंत्रालय बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को लेकर एक्शन मोड में आ चुका है।
भारतीय वैक्सीन कई देशों के लिए बनी जीवन रक्षक
कोविड 19 काल में जब दुनिया में जीवन रक्षक दवाओं की कमी थी तब भारत ने ग्लोबल फार्मेसी बनकर 150 से अदिक देशों में दवाई की सप्लाई की थी। वैक्सीन के सबसे बड़े निर्माता के तौर पर भारत ने 100 से अधिक देशों को 25 करोड़ से अधिक डोज उपलब्ध कराए थे। आत्म निर्भरत भारत के दम पर ही भारत की फार्मेसी दुनिया की फार्मेसी बनी है।
आंकड़ों पर गौर करें तो भारत का फार्मास्युटिकल उद्योग मात्रा के मामले में दुनिया में शीर्ष तीन में शामिल है। जेनेरिक दवाओं का वैश्विक निर्यात का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा पूरे भारत में है। भारत में 500 से अधिक फार्मास्युटिकल सामग्री का निर्माण हो रहा है।
कोरोना वायरस संक्रमण के अलावा आज के समय में भारत कई अन्य बीमारियों से लड़ने में भी सक्षम हुआ है। सर्वाइक कैंसर की रोकथाम के लिए भारत में पहला स्वदेशी टीका निर्मित हुआ है। सैरावैक नाम का ये टीका कैंसर रोगियों के लिए किसी रामबाण से कम नहीं है।
भारत के दवा और फार्मा निर्यात ने वित्त वर्ष 2013-14 की तुलना में 103 प्रतिशत की बढ़ोतरी दी है। वित्त वर्ष 2013-14 के 90,415 करोड़ रुपये के मुकाबले वर्ष 2021-22 में ये बढ़कर 1,82,422 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। फार्मा सेक्टर में निर्यात को लेकर ये सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
इसके अलावा पीएलआई योजना समेत अनेक पहलों से तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, हिमचाल प्रदेश उत्तर प्रदेश में चार चिकित्सा उपकरण पार्कों और फार्मा क्षेत्र को लाभ मिला है। चिकित्सा उपकरण नीति अनुमोदन के अंतिम चरण में पहुंच गई है।
फार्मास्युटिकल विभाग ने वित्त वर्ष 21-22 से वित्त वर्ष 25-26 की अवधि के लिए 500 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ फार्मास्युटिकल उद्योग को मजबूत बनने की योजना के लिए भी दिशा निर्देश जारी कर दिए है।