By अंकित सिंह | Dec 15, 2022
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर लगातार सुर्खियों में रहते हैं। एस जयशंकर ब्यूरोक्रेसी के बाद राजनीति में आए हैं। वे पहले विदेश मंत्रालय में विदेश सचिव के रूप में भी काम कर चुके हैं। इसके अलावा कई देशों में भारत के राजदूत भी रहे हैं। भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर किस तरह से मजबूती के साथ रखना है, यह एस जयशंकर को बखूबी आता है। यही कारण है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी काफी विश्वासपात्र माने जाते हैं। अपने बयानों की वजह से वह पश्चिमी देशों को भी आइना दिखा देते हैं। कुछ बयान उनके जबरदस्त चर्चा में भी रहे। आज हम आपको एस जयशंकर के पांच बड़े बयान बताते हैं।
अमेरिका को दिखाया आईना
विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह टू प्लस टू वार्ता के लिए अमेरिका गए हुए थे। इसी दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत में मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठा दिया। इसके बाद तुरंत विदेश मंत्री ने उन पर पलटवार कर दिया। विदेश मंत्री ने कहा था कि हम भी अमेरिका में मानवाधिकारों के हनन पर नजर रख रहे हैं और इससे चिंतित है। इसके बाद उनका यह बयान सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में रहा था।
रूस से तेल खरीदने पर जवाब
रूस और यूक्रेन में युद्ध जबरदस्त तरीके से छिड़ा हुआ है। कई पश्चिमी देशों ने उस पर अलग-अलग प्रतिबंध भी लगा दिए हैं। हालांकि, भारत अपने संबंध को रूस के साथ जीवंत रखा हुआ है। भारत रूस के साथ व्यापार भी कर रहा है। पश्चिमी और यूरोपीय देशों की ओर से भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे। इसके जवाब में विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कह दिया कि भारत एक महीने में रूस से जितनी एनर्जी खरीदता है, उतनी तो यूरोप के देश आधे दिन में खरीद लेते हैं। यह सवाल तो यूरोप के देशों से होनी चाहिए थी।
आतंक पर जबर्दस्त प्रहार
विदेश मंत्री एस जयशंकर आतंकवाद को लेकर लगातार मुखर रहते हैं। उन्होंने हाल में ही आतंकवाद से निपटने के लिए एक समान और ठोस दृष्टिकोण की वकालत की थी और राष्ट्रों से इस खतरे से निपटने के लिए राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठने का आग्रह भी किया था। उन्होंने कहा था कि आतंक, आतंक है और इसे कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई हर मोर्चे पर हर स्थिति में और हर जगह डटकर लड़ी जानी चाहिए।
चीन और पाकिस्तान पर निशाना
हाल में ही यूएनएससी में भारत ने पाकिस्तान और चीन को एक साथ जमकर लताड़ लगाई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर साफ तौर पर कहा कि जिस देश ने अल-कायदा के पूर्व सरगना ओसामा बिन लादेन को सुरक्षित पनाहगाह दी और अपने पड़ोसी देश की संसद पर हमला किया, उसे संयुक्त राष्ट्र की शक्तिशाली संस्था में ‘उपदेश’ देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि वह आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त वातावरण में इस्लामाबाद के साथ सामान्य पड़ोसी जैसे संबंधों की इच्छा रखता है। इसके साथ ही उन्होंने चीन को लेकर भी कहा कि आतंकवाद को उचित ठहराने और साजिशकर्ताओं को बचाने के लिए बहुपक्षीय मंचों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
भारत की विदेश नीति का बचाव
विदेश मंत्री एस जयशंकर वर्तमान समय में भारत की विदेश नीति का जबरदस्त तरीके से बचाव करते हैं। विदेश मंत्री यह भी कहते हैं कि हमारी पहली नीति यही है कि हम अपने देश का फायदा देखेंगे और अपने नागरिकों के लिए सही कदम उठाएंगे। जयशंकर ने हाल में ही कहा था कि भारतीय विदेश नीति अब ज्यादा वैश्विक सरोकारों से जुड़ती हुई बहुआयामी स्वरूप ग्रहण कर रही है तथा इसमें अब ज्यादा भू-रणनीतिक यथार्थ और वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत के राष्ट्रीय हित को संरक्षित करने की क्षमता निर्मित हुई है।