आज ही के दिन भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री Kalpana Chawla का हुआ था निधन, पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूट गया था अंतरिक्ष यान

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By Prabhasakshi News Desk | Feb 01, 2025

आज ही के दिन भारत की प्रथम महिला अंतरिक्ष यात्री Kalpana Chawla का हुआ था निधन, पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूट गया था अंतरिक्ष यान

दुनिया की कई महिलाएं धरती से आसमान तक अपने हुनर, काबिलियत का परचम लहरा रही हैं। तो वहीं, अगर भारतीय महिलाओं की बात करें तो राजनीति से लेकर औद्योगिक क्षेत्र तक, कला क्षेत्र से लेकर खेल जगत जगत तक हर क्षेत्र में दमदार भूमिका में हैं। वर्तमान में महिलाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देने में इतिहास की कुछ दमदार महिलाओं की भूमिका अहम रही। आज हम चांद और मंगल ग्रह पर रहने की तैयारी कर रहे हैं। लेकिन अंतरिक्ष में रहने के सपने दिखाने वालों में एक भारतीय मूल की एक महिला भी शामिल है।


इस महिला का नाम कल्पना चावला है। कल्पना चावला पहली भारतीय मूल की महिला थीं, जिन्होंने अंतरिक्ष तक का सफर तय किया था। उनकी इस उपलब्धि से महज महिलाओं को प्रेरणा नहीं मिली, बल्कि भारत के लिए गौरव और विश्व के लिए ऐतिहासिक पल बन गया। 1 फरवरी को कल्पना चावला की पुण्यतिथि है। वर्ष 2003 में कल्पना चावला का निधन तब हुआ जब कोलंबिया स्पेस शटल उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और यान में सवार सभी अंतरिक्ष यात्रियों की मौत हो गई।


कल्पना चावला का जीवन परिचय

कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में 17 मार्च 1962 को हुआ था। चावला के पिता का नाम बनारसी लाल चावला था और माता संज्योती चावला थीं। कल्पना सबसे छोटी थीं। उनकी शुरुआती शिक्षा करनाल में ही टैगोर बाल निकेतन सीनियर सेकेंडरी स्कूल में हुई।


जानिए कितनी पढ़ी लिखी थीं कल्पना चावला 

बचपन से ही कल्पना चावला का पसंदीदा विषय विज्ञान रहा था। वह एक फ्लाइट इंजीनियर बनना चाहती थीं। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए कल्पना ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया और एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इस दौरान उन्हें नौकरी के ऑफर भी मिले। लेकिन वह आगे की पढ़ाई के लिए महज 20 साल की उम्र में अमेरिका चली गईं।


अमेरिका में की आगे की पढाई

कल्पना ने अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में दाखिला लिया और दो साल की पढ़ाई के बाद एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। उन्होंने वर्ष 1986 में दूसरी मास्टर्स डिग्री हासिल की। बाद में 1988 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी कर लिया। अब तक कल्पना ने तय कर लिया था कि उन्हें अंतरिक्ष पर जाना है। उनके पास अब कमर्शियल पायलट का लाइसेंस भी था और कल्पना एक सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर बन चुकी थीं। इस दौरान उन्होंने फ्रांस के जान पियरे से शादी कर ली, जो खुद एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे।


एक बार नासा ने किया था रिजेक्ट

साल 1993 में कल्पना चावला ने पहली बार नासा के लिए अप्लाई किया लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। 1995 में नासा ने कल्पना का चयन अंतरिक्ष यात्री के तौर पर किया। उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई और 1998 में अंतरिक्ष की पहली उड़ान के लिए कल्पना चावला को चुना गया। अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान कल्पना चावला ने 372 घंटे बिताते हुए इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया और भारत का मान बढ़ाया।


अपनी दूसरी उड़ान में जीवन हार गईं कल्पना

अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली उड़ान सफल होने के बाद वर्ष 2000 में दूसरी स्पेस यात्रा के लिए कल्पना का चयन किया गया। हालांकि मिशन तीन वर्ष की देरी से हुई और वर्ष 2003 में लांच किया गया। 16 जनवरी 2003 को कोलंबिया फ्लाइट STS 107 से उड़ान भरी। लेकिन आज ही दिन 1 फरवरी 2003 को कल्पना का अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूट गया। इस दुर्घटना में मिशन में शामिल सातों लोगों की मौत हो गई, जिसमें कल्पना चावला भी शामिल थीं।

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