By रेनू तिवारी | Jan 07, 2023
अहमदाबाद। पिछले साल भारत द्वारा जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह देश का कर्तव्य है कि वह वैश्विक दक्षिण की आवाज बने। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि विकासशील दुनिया, जो वर्तमान में कई चुनौतियों का सामना कर रही है, नई दिल्ली को उच्च आशाओं के साथ देख रही है।प्रमुख स्वामी के चल रहे शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में "खाड़ी देश दिवस" में बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि यह दो मंदिरों के साथ "चमत्कार से कुछ बड़ा" है - एक अबू धाबी में निर्माणाधीन है और दूसरा बहरीन में अपेक्षित है - "जब दो खाड़ी में लगातार चमत्कार हो रहे हैं।
विकासशील देशों की आवाज बनना भारत का कर्तव्य : जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विकासशील देशों अथवा ग्लोबल साउथ की आवाज बनना भारत का कर्तव्य है। जयशंकर ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुये कहा कि मौजूदा समय में विकासशील देश कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और वे बड़ी उम्मीदों के साथ भारत की ओर देख रहे हैं। इससे पहले विदेश मंत्रालय ने घोषणा की कि भारत ग्लोबल साउथ के देशों को एक साथ लाने और विभिन्न वैश्विक चुनौतियों से संबंधित उनकी सामान्य चिंताओं, हितों और दृष्टिकोण को साझा करने के लिए 12 और 13 जनवरी को वीडियो कॉन्फ्रेंसके जरिए एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। दरअसल, ग्लोबल साउथ का इस्तेमाल एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के विकासशील देशों के लिये किया जाता है।
जयशंकर ने भारत की जी-20 समूह की अध्यक्षता को लेकर कहा,‘‘ मौजूदा समय में विकासशील देश तेल, खाद्यान्न और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों से चिंतित हैं। वे बढ़ते कर्ज और बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लेकर भी चिंतित हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम कूटनीतिक दृष्टि से ग्लोबल साउथ कहे जाने वाले ऐसे देशों की आवाज बनें।’’
विदेश मंत्री बीएपीएस स्वामीनारायण संप्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज शताब्दी समारोह के एक कार्यक्रम को अहमदाबाद के बाहरी इलाके में स्थित प्रमुख स्वामी महाराज नगर में एक सभा को संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विकासशील देशों को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से काफी उम्मीदें हैं।