By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 23, 2020
नयी दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान से मंगलवार को कहा कि वह यहां अपने उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या अगले सात दिनों के अंदर 50 प्रतिशत घटाये। साथ ही, विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग में इसी अनुपात में अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती करने की भी घोषणा की। भारत के इस कदम को पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने की दिशा में एक महत्वूपर्ण कदम के तौर पर देखा जा रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के उप उच्चायुक्त को तलब किया गया और इस फैसले से अवगत कराया गया है। मंत्रालय ने कहा कि इस फैसले की वजह ‘‘जासूसी गतिविधियों’’ में पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों की कथित संलिप्तता और उनका आतंकवादी संगठनों से संबंध रखना है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में इस्लामाबाद में हाल ही में दो भारतीय अधिकारियों का अपहरण होने और उनके साथ किये गये ‘‘बर्बर बर्ताव’’ का भी जिक्र किया गया है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पाकिस्तान और इसके अधिकारियों का बर्ताव वियना संधि तथा राजनयिक अधिकारियों एवं दूतावास अधिकारियों के साथ व्यवहार के बारे में द्विपक्षीय समझौतोंके अनुरूप नहीं है। इसके उलट, यह सीमा पार (भारत में) हिंसा और आतंकवाद का समर्थन करने वाली एक वृहद नीति का स्वाभाविक हिस्सा है। ’’ मंत्रालय ने कहा कि इसलिए , भारत ने नयी दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या 50 प्रतिशत घटाने का फैसला लिया है।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह (भारत) भी इसके बदले में इस्लामाबाद में इसी अनुपात में अपनी मौजूदगी घटाएगा। इस फैसले से, जो सात दिनों में क्रियान्वित किया जाएगा, पाकिस्तान के उप उच्चायुक्त को अवगत करा दिया गया है। ’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान उच्चायोग के उप उच्चायुक्त को मंत्रालय में तलब किया गया और यह बताया गया कि भारत ने उसके उच्चायोग के अधिकारियों की गतिविधियों के बारे में बार-बार चिंता प्रकट की है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘वे (पाक उच्चायोग के अधिकारी)जासूसी गतिविधियों में संलिप्त थे और वे आतंकी संगठनों से संपर्क रखे हुए थे। इन दोनों अधिकारियों को इन गतिविधियों के साथ रंगे हाथ पकड़ा गया और 31 मार्च को निष्कासित कर दिया गया, जो कि इसबारे में एक उदाहरण है।’’
मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान, इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को उनके वैध राजनयिक कार्यों के करने में निरंतर भयादोहन करने के अभियान में संलिप्त है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘दो भारतीय अधिकारियों को बंदकू का भय दिखा कर हाल ही में अपहरण कर लिया जाना और उनके साथ किया गया बर्बर बर्ताव इस बात को प्रदर्शित करता है कि इस दिशा में पाकिस्तान किस हद तक जा चुका है। ’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘22 जून 2020 को भारत लौटे इन अधिकारियों ने बर्बर बर्ताव के बारे में विस्तार से बताया, जो उन्होंने पाकिस्तानी एजेंसियों के हाथों झेला था। ’’ गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले के बाद पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में नियुक्त भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित कर दिया था।