By अभिनय आकाश | Oct 01, 2022
भारत ने यूक्रेन में रूस के घोषित विलय पर संयुक्त राष्ट्र में मतदान से परहेज किया। वोट की व्याख्या में भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र में राजदूत रुचिरा कंबोज ने कहा कि हम यूक्रेन में घटित हालिया घटनाक्रम से परेशान हैं। रुचिरा कंबोज ने अपने भाषण के दौरान कहा कि भारत ने हमेशा इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कोई समाधान कभी नहीं आ सकता है। यूएनएससी में रूस के 'अवैध जनमत संग्रह' और 4 यूक्रेनी क्षेत्रों पर कब्जा की निंदा करने वाले एक मसौदा प्रस्ताव के जवाब में भारत की तरफ से ये बयान दिया गया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संयुक्त राज्य अमेरिका और अल्बानिया द्वारा मसौदा प्रस्ताव पेश किया गया था। रूस द्वारा वीटो किए जाने के कारण यह प्रस्ताव स्वीकृत नहीं हो सका। 15-राष्ट्र परिषद में से 10 देशों ने रूस के खिलाफ प्रस्ताव के लिए मतदान किया, जबकि चीन, गैबॉन, भारत और ब्राजील ने वोटिंग में हिस्सा ही नहीं लिया।
वोट की व्याख्या में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा काम्बोज ने कहा कि भारत यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से बहुत परेशान है और नई दिल्ली ने हमेशा इस बात की वकालत की है कि मानव जीवन की कीमत पर कोई समाधान कभी नहीं आ सकता है। हम आग्रह करते हैं कि हिंसा और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने के लिए संबंधित पक्षों द्वारा सभी प्रयास किए जाएं। मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए संवाद ही एकमात्र उत्तर है, चाहे वह कितना ही कठिन क्यों न हो। बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की सहित विश्व नेताओं को अपने विचारों से अवगत कराते हुए कहा था कि शांति के मार्ग के लिए हमें कूटनीति के सभी चैनलों को खुला रखने की आवश्यकता है।
बता दें कि सात महीने की जंग के बाद यूक्रेन को बहुत बड़ा झटका लगा है। यूक्रेन के चार बड़े इलाकोें को रूस ने अपने में मिला लिया है। डीपीआर, एलपीआर, खेरसोन और जेपोरेजिया का रूस में विलय का ऐलान खुद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया है। इसके साथ ही चारों इलाकों में प्रशासक की भी नियुक्ति कर दी गई है।