By Kusum | Nov 12, 2024
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत हो रही है। पहला टेस्ट मैच पर्थ में खेला जाएगा। जहां टीम इंडिया को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पर्थ की पिच को तेज गति और बाउंस के लिए जाना जाता है और इस बार भी पिच का मिजाज कुछ ऐसा ही रह सकता है। ऐसे में पहले टेस्ट को बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा कहा जा सकता है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत हो रही है। पहला टेस्ट मैच पर्थ में खेला जाएगा, जहां टीम इंडिया को मुश्किलों का सामना करना पड़ा सकता है। पर्थ की पिच को तेज गति और बाउंस के लिए जाना जाता है और इस बार भी पिच का मिजाज कुछ ऐसा ही रह सकता है।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो अनुसार वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के मुख्य क्यूरेटर आइसैक मैकडोनाल्ड का कहना है कि, ये ऑस्ट्रेलिया है, ये पर्थ है। मैं सुनिश्चित करना चाहता हूं कि पिच से गेंदबाजों को गति, बाउंस मिले और गेंद बहुत बढ़िया ढंग से कैरी करे। मैकडोनाल्ड कोशिश कर रहे हैं कि वो उसी तरह की पिच से गेंदबाजों को गति, बाउंस मिले और गेंद बहुत बढ़िया ढंग से कैरी करे। मैकडोनाल्ड कोशिश कर रहे हैं कि वो उसी तरह की पिच तैयार कर सकें जैसी पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया बनाम पाकिस्तान पहले टेस्ट मैच के समय थी। याद दिला दें कि उस मैच में कुल 35 विकेट गिरे थे, जिनमें से 28 विकेट तेज गेदंबाजों के नाम रहे थे। उस मैच को पाक टीम 360 रनों से हार गई थी।
पर्थ का ओप्टस स्टेडियम 2017 के बाद निरंतर टेस्ट मैचों की मेजबानी करता रहा है। पिच कैसी दिखेगी, इस सवाल पर क्यूरेटर मैकडोनाल्ड ने कहा है कि 10 मिलीमीटर घास छोड़ने पर विचार हो रहा है। ऐसी पिच पिछले साल भी बढ़िया साबित हुई थी और पिच पहले कुछ दिन तक स्थिर बनी रही थी। पिच पर घास का मतलब तेज गेंदबाजों को मदद मैकडोनाल्ड ने बताया कि पिछले साल ऑस्ट्रेलिया-पाकिस्तान मुकाबले की तरह इस बार भी तेज गेंदबाजों के अनुरूप पिच तैयार हो रही है।