हर चुनाव में बढ़ता मतदान प्रतिशत देश की जनता के लोकतंत्र में बढ़े भरोसे का प्रतीक: ओम बिरला

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 16, 2020

लखनऊ। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को कहा कि आजाद भारत के बाद हर चुनाव में मतदान प्रतिशत का बढ़ना बताता है कि लोगों का लोकतंत्र पर विश्वास बढ़ा है। इसलिए जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी भी बढ़ी है क्योंकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए)भारत क्षेत्र के सातवें सम्मेलन का गुरुवार को यहां शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित व सीपीए सम्मेलन के प्रतिनिधियों के साथ विधानसभा पहुंचे ओम बिरला ने दीप जलाकर समारोह का उद्घाटन किया। बिरला ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र में हमारी आस्था की जड़ें बहुत गहरी हैं। इसीलिये हमारी संसद, हमारे विधानमंडल संविधान के उच्च आदर्शों के रक्षक हैं, सहभागी हैं और हमारा लोकतंत्र सामाजिक न्याय और नागरिकों के विकास का पर्याय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने हमेशा देश की राजनीति का नेतृत्व किया है देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश ने दिये हैं।

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बिरला ने कहा कि आजाद भारत के बाद हर चुनाव के अंदर मतदान प्रतिशत का लगातार बढ़ना यह विश्वास दिलाता है कि भारत की जनता का लोकतंत्र के प्रति विश्वास और बढ़ा है। जनता का विश्वास बढ़ने के साथ ही जनप्रतिनिधियों की भी जिम्मेदारी बढ़ती है। इसीलिये चाहे सांसद हों, चाहे विधायक हों, हमारी नैतिक जिम्मेदारी बन जाती है कि हम जनता के विश्वास और भरोसे पर जनप्रतिनिधि के रूप में खरे उतरें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंदर भी जनप्रतिनिधि का सबसे उच्च स्थान रहा है। समाज के गरीब से गरीब तबके के जीवनस्तर को ऊपर उठाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हमें आपसी सामंजस्य से संसदीय गतिरोध रोकने के लिए गहन विचार करना चाहिए। उत्तर प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रदेश के वाराणसी से सांसद हैं। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि मैं यहां के दोनों सदनों का सदस्य रहा हूं। स्पीकर की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जिस तरह से लोकसभा अध्यक्ष के दिशा निर्देशन में विधेयक पारित हुए हैं, उसके लिए उनकी भूमिका सराहनीय है। उन्होंने कहा कि सत्ता का काम सरकार चलाना होता है। उसी तरह विपक्ष को अपनी बात कहने का हक होता है। लेकिन दोनों पक्षों को बोलने के लिए लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिए। यही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है। 

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मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारतीय लोकतंत्र की भावना राष्ट्रमंडल की भावना के अनुरूप है। भारत राष्ट्रमंडल की सराहना करता है। हमारे संविधान निर्माताओं ने लोकतंत्र की जिम्मेदारी बचाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी है, इसलिए हमें अपनी भूमिका निभानी होगी। एकता और अखंडता की हम आज भी रक्षा कर रहे हैं। इस सम्मेलन से ठोस निष्कर्ष निकलेंगे, जिनसे लोकतंत्र और मजबूत होगा। राष्ट्रमंडल संसदीय संघ की ऐसे राष्ट्रमंडल देशों के विधानमंडलों में 180 से अधिक शाखाएं हैं, जहां संसदीय लोकतंत्र है। ये सभी शाखाएं भौगौलिक रूप से नौ राष्ट्रमंडल क्षेत्रों में बंटी हैं। सीपीए भारत क्षेत्र पहले सीपीए एशिया क्षेत्र का भाग था और सात सितंबर 2004 से यह एक स्वतंत्र क्षेत्र बन गया। सीपीए भारत क्षेत्र में भारत केंद्र शाखा (भारत की संसद) और 30 राज्य/संघ राज्य क्षेत्र शाखाएं हैं। सीपीए भारत क्षेत्र के ऐसे सम्मेलनों का आयोजन दो वर्ष में एक बार किया जाता है। इसका छठा सम्मेलन 2017 में पटना में हुआ था और यह पहला मौका है जब इसका आयोजन उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है।  इस सम्मेलन में लगभग 100 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इसमें सीपीए ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय प्रतिनिधि भी भाग ले रहे है।

 

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