लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि मरीजों की सेवा में लगे 50 से भी अधिक डाक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों के कोरोनाग्रस्त होने की सूचना चिंताजनक है। अखिलेश ने एक बयान में कहा, संकट के समय सेवा भावना से जुटे डाक्टरों एवं स्वास्थ्यकर्मियों के साथ कुछ स्थानों पर दुर्व्यवहार की घटनाएं भी निंदनीय हैं। सरकार इनके लिए सुरक्षा उपकरण और हर तरह से सुरक्षा के समुचित प्रबन्ध करे। उन्होंने जनता से अफवाहों से बचने और स्वास्थ्य कर्मियों का सम्मान करने की अपील है लेकिन जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए सरकार से कुछ अपेक्षाएं भी हैं जिनका समय से निराकरण होना चाहिए।
अखिलेश ने कहा, मीडिया में आ रही इन खब़रों का स्पष्टीकरण वांछित है-क्या प्रति 10 लाख में केवल 32 लोगों की ही कोरोना जांच हुई? क्या संकट में अभाव के समय में भी मेडिकल उपकरणों का निर्यात हुआ है? क्या केवल मनरेगा या राशनकार्ड धारकों को ही राशन मिल रहा है? उन्होंने कहा कि भाजपा की राज्य सरकार इस पर भी ध्यान दे कि लखनऊ में लॉकडाउन में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के डाउन सर्वर के कारण जनता पूरे-पूरे दिन भूखी प्यासी लाइनों में खड़ी रही। अलीगढ़, अमरोहा, सम्भल, औरैया, आजमगढ़ में प्रशासनिक मनमानी के चलते जनता को अनाज नहीं मिला। बहुत सी जगह निर्धारित से कम तौल पर अनाज बांटा गया। उन्होंने कहा कि ऐसी खस्ताहाल व्यवस्था, अधूरी तैयारी से भूखी जनता का पेट कैसे भरा जाएगा? जनता का विश्वास सर्वोपरि होना चाहिए।