शून्यकाल में सभी सदस्यों को बोलने का अवसर मिले, इसलिए संसद की तर्ज पर ड्रॉ ऑफ लॉट्स की शुरुआत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 05, 2022

चंडीगढ़   विधानसभा के अध्यक्ष श्री ज्ञान चन्द ने लोकसभा की तर्ज पर विधायी कार्य संचालित करने की एक नई परिपाटी की शुरूआत करते हुए शून्यकाल में ड्रॉ ऑफ लॉट्स के माध्यम से सदस्यों का नाम निकालकर उन्हें बोलने का अवसर प्रदान किया है।

 

विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के तीसरे दिन शून्यकाल के लिए 13 विधायकों ने बोलने के लिए अपने नाम पेटी में डाले थे, जिनमें से 10 की पर्ची निकाली गई और उन्हें 5-5 मिनट बोलने का अवसर दिया गया, जिसमें कई विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों के साथ-साथ राज्य के सार्वजनिक हित के मुद्दे भी सदन में रखे। राज्यपाल के अभिभाषण पर अपने जवाब में सदन के नेता एवं मुख्यमंत्री इन मुद्दों को समायोजित करेंगे।  

 

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हरियाणा विधानसभा में 2 मार्च से आरम्भ हुए बजट सत्र की शुरूआत भी लोकसभा की तर्ज पर की गई। हालांकि विधानसभा सत्र की कार्यवाही के लिए जारी समय सारिणी के अनुसार शून्यकाल का प्रावधान भी नहीं रखा गया था, परंतु सदन में सदस्यों के आग्रह पर इसे किया गया और संसदीय कार्यमंत्री श्री कंवरपाल ने प्रस्ताव रखा कि आज 4 मार्च को सदन की कार्यवाही 2 बैठकों में की जाए, जिसका सर्वसम्मति से सभी सदस्यों ने समर्थन किया। इसलिए आज सदन 10 बजे से आरम्भ होकर बाद दोपहर 1.30 बजे तक तथा 2.30 बजे से 6.30 तक चलेगा।

 

उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा लोगों को उनकी संपत्ति के मालिकाना हक के लिए शुरू की गई स्वामित्व-योजना पूरे देश के लिए एक मिसाल बनी है और केंद्र सरकार ने भी इसी तर्ज पर प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना शुरू की है। उन्होंने सभी विधायकों से अनुरोध किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को इस योजना के प्रति जागरूक करें तथा इसके क्रियान्वयन में सरकार का सहयोग करें।

 

डिप्टी सीएम, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का प्रभार भी है,  हरियाणा विधानसभा के बजट-सत्र के दौरान सदन के एक सदस्य द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य में गांव को लाल डोरा मुक्त बनाने और ग्रामीण क्षेत्रों में बसे हुए लोगों को उनके घरों का मालिकाना हक प्रदान करने के लिए स्वामित्व योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत अब तक 3,93,451 संपत्ति कार्ड दिए गए हैं। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन से संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना के अंतर्गत वर्ष 2020-2021 में नियमित रूप से विभागीय अधिकारियों की ऑनलाइन प्रशिक्षण एवं समीक्षा बैठकें आयोजित की गई। जिला स्तर पर उपायुक्त इस योजना के प्रभारी के रूप में कार्य करते हैं तथा उनके साथ जिले में इस प्रक्रिया में जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी,खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, तहसीलदार, ग्राम सचिव और राजस्व पटवारी शामिल हैं।

 

उपमुख्यमंत्री ने संपत्ति कार्ड /आईडी बनाने की प्रक्रिया के बारे में सदन को अवगत कराते हुए बताया कि संपत्ति कार्ड या आईडी बनाने से पहले हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 26 के तहत ग्राम पंचायत, ग्राम सभा में आपत्तियां आमंत्रित करती है। ग्राम पंचायत द्वारा आपत्तियां आमंत्रित करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है। इसके बाद ग्राम पंचायत आपत्ति दर्ज कराने वाले व्यक्ति को सुनवाई का अवसर देकर प्राप्त आपत्तियों ,यदि कोई है  तो उसका निवारण करती है।

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