वर्ष 2019 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का पोषण अभियान पर रहा जोर, बजट में हुई बढ़ोतरी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 31, 2019

नयी दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने देश में बच्चों की मौत का मुख्य कारण बने कुपोषण से निपटने के मकसद से शुरू पोषण अभियान के क्रियान्वयन पर जोर दिया। इसके तहत पोषण अभियान का बजट बढ़ाया गया है।बीते तीन साल के दौरान पोषण अभियान के अंतर्गत धनराशि का आवंटन 2017-18 के 950 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2018-19 में 3,061.30 करोड़ रुपये और 2019-20 में 3,400 करोड़ रुपये किया गया।  इस साल लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री की जिम्मेदारी संभालने वाली स्मृति ईरानी ने पोषण अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष रूप से ध्यान दिया। ईरानी ने नौ राज्यों का दौरा किया और पोषण अभियान के क्रियान्वयन के संदर्भ में कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी मुलाकात की। मंत्री ने बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के सह अध्यक्ष बिल गेट्स के साथ 18 दिसंबर, 2019 को ‘‘भारतीय पोषण कृषि कोष’’ (बीपीकेके) की शुरुआत की। बीपीकेके बेहतर पोषण के लिए भारत में 128 कृषि जलवायु क्षेत्रों की विविध फसलों के लिए भंडार गृह होगा।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस ने देश को लूटा, मोदी विकास लाये: स्मृति ईरानी

इस साल सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया गया और देश भर में एक महीने में 3.6 करोड़ पोषण से संबंधित गतिविधियां हुईं। पोषण माह के दौरान 13 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, 12 लाख आंगनवाड़ी सहायक और राज्य एजेंसियों ने 8.5 करोड़ लाभार्थियों से संपर्क किया। सरकार ने आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 को आगे बढ़ाते हुए केंद्र प्रायोजित योजना के अंतर्गत समयबद्ध तरीके से बलात्कार और पोक्सो अधिनियम, 2012 से जुड़े लंबित मामलों में तेजी से मुकदमे और त्वरित निस्तारण के लिए अगस्त 2018 में देश भर में कुल 1023 फास्ट ट्रैक विशेष अदालतें (एफसीएस) की स्थापना की योजना को अंतिम रूप दिया। यह योजना दो वित्त वर्षों यानी 2019-20 और 2020-21 के लिए है।

इसे भी पढ़ें: मध्यप्रदेश में बेरोजगारी होगी कम, कमलनाथ सरकार भरेगी एक लाख पद

कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने देश भर में यौन अपराधियों की जांच और निगरानी की सुविधा के लिए 20 सितंबर, 2018 को  यौन अपराधियों पर एक राष्ट्रीय डेटाबेस  की शुरुआत की।सरकार की गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए एक प्रमुख योजना प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) ने एक करोड़ लाभार्थियों के साथ बड़ी उपलब्धि हासिल की। इस योजना के तहत लाभार्थियों को बांटी गई कुल धनराशि 4,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हुई। हिंसा प्रभावित महिलाओं को एक ही जगह पर पुलिस सुविधा, चिकित्सा सहायता, मनोवैज्ञानिक-सामाजिक परामर्श, कानूनी परामर्श और अस्थायी आश्रय सहित कई सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से कई वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) की शुरुआत की गई। अब तक 728 ओएससी को मंजूरी दी जा चुकी है और 595 ओएससी का परिचालन शुरू किया जा चुका है।मंत्रालय ने महिला एवं बाल विकास से जुड़े कई और कदम भी उठाए। 

प्रमुख खबरें

Vivek Ramaswamy ने अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी नौकरियों में कटौती का संकेत दिया

Ekvira Devi Temple: पांडवों ने एक रात में किया था एकविरा देवी मंदिर का निर्माण, जानिए पौराणिक कथा

एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे और अजित पवार ने शरद पवार की पीठ में छुरा घोंपा : Revanth Reddy

भाजपा ने राजनीतिक परिवार से आने वाले Satyajit Deshmukh को शिराला विधानसभा सीट से घोषित किया अपना उम्मीदवार