By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 23, 2022
पंजाब पुलिस ने शनिवार को कहा कि उसने मोहाली में अपने खुफिया मुख्यालय पर हुए आरपीजी (रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड) हमले के मुख्य आरोपी चरत सिंह से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर एके-56 राइफल और 100 कारतूस बरामद की है। चरत सिंह के अलावा उसके दो सहयोगियों सैयद मोहम्मद तौसीफ चिश्ती उर्फ चिंकी और सुनील कुमार उर्फ काला को भी गिरफ्तार किया है। मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर नौ मई को हमला हुआ था। चरत सिंह को हाल में मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि चरत सिंह से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस के दलों ने एके-56 राइफल और 100 कारतूस तथा प्वांइट 30 बोर की पिस्तौल बरामद की है। चरत सिंह से पूछताछ के बाद पुलिस ने राजस्थान के अजमेर से चिश्ती को गिरफ्तार किया। डीजीपी ने कहा कि जांचकर्ताओं ने खुलासा किया है कि आरोपी चिंकी कनाडा में रह रहे गैंगस्टर लखबीर लांडा से संपर्क में पिछले पांच-सात वर्षों से था।
लांडा के निर्देश पर, चिंकी ने अजमेर में अल-खादिम नाम के एक गेस्ट हाउस में चरत सिंह के रहने की व्यवस्था की थी। चरत सिंह ने यह खुलासा किया कि लांडा ने चिंकी को करीब तीन-चार लाख रुपये भेजे थे। चरत सिंह के एक अन्य सहयोगी सुनील कुमार को रुपनगर से गिरफ्तार किया गया। कुमार ने अमेरिका में रह रहे जगरूप सिंह के निर्देश पर उसे एक ठिकाना उपलब्ध कराया था। रूप को लखबीर लांडा का करीबी सहयोगी माना जाता है।
चरत सिंह एक आदतन अपराधी है और वह हत्या, हत्या की कोशिश सहित जघन्य अपराधों के कई मामले तथा पंजाब में शस्त्र अधिनियम के तहत कई मामलों का सामना कर रहा है। उसने सीमा पार से पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी ‘इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस’ (आईएसआई) के सक्रिय सहयोग से पाकिस्तानी आतंकवादी हरविंदर सिंह उर्फ रींडा के मार्फत आरपीजी, एके-47 और अन्य हथियार हासिल किये थे। आरोपी हत्या के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहा है और आरपीजी हमले के वक्त वह पैरोल पर जेल से बाहर था।