By अंकित सिंह | Sep 20, 2022
अन्ना आंदोलन से निकले अरविंद केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई। दिल्ली में वह चुनावी मैदान में उतरे। पहले थोड़ी कम सफलता मिली। बाद में हुए चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। इसके बाद अरविंद केजरीवाल खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने में जुट गए। वहीं, अन्ना हजारे फिलहाल रालेगण सिद्धि में रह रहे हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी नजर रहती है। विपक्ष अरविंद केजरीवाल पर लगातार अन्ना हजारे के आंदोलन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाता है। इतना ही नहीं, विपक्ष का दावा तो यह भी रहता है कि अन्ना आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल ने जो वादे और दावे किए थे, उससे वह पूरी तरह से पलट चुके हैं। अन्ना हजारे राजनीति में आने के बिलकुल खिलाफ थे। लेकिन अरविंद केजरीवाल अपने समर्थकों के साथ राजनीति में आना चाहते थे। इसको लेकर दोनों में मतभेद भी दिखे।
इन सबके बीच बहुत दिनों के बाद आज अरविंद केजरीवाल ने अन्ना हजारे का जिक्र किया है। अरविंद केजरीवाल ने साफ तौर पर अन्ना हजारे का जिक्र करते हुए कहा कि वह कहते थे कि राजनीति कीचड़ है। अपने बयान में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आप आएगी, आपके बच्चों का भविष्य बनेगा, स्कूल बनेंगे। इनको वोट दोगे, भ्रष्टाचार चलता रहेगा। हम आप की तरह ही आम लोग हैं। उन्होंने कहा कि अन्ना जी कहते थे अरविंद राजनीति कीचड़ है। मैं कहता अन्ना जी इस कीचड़ में कूद कर ख़ुद ही झाड़ू से सफ़ाई करनी पड़ेगी। दरअसल, दिल्ली और पंजाब के बाद अरविंद केजरीवाल की नजर गुजरात पर है। गुजरात में वह पूरी ताकत से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। उनकी पार्टी आम आदमी पार्टी इस वक्त गुजरात को लेकर खूब तैयारियों में जुटी हुई है। इस साल के आखिर में विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। यही कारण है कि गुजरात को लेकर फिलहाल अरविंद केजरीवाल के सक्रियता कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रही है।
गुजरात के वडोदरा में आज अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं कहता हूँ कि देश और गुजरात के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए तो दोनों पार्टियां मिलकर मुझे गालियां देती हैं। ये चाहते हैं कि आपके बच्चे अनपढ़ रहें। ताकि इनका वोट बैंक बना रहे। मुझे वोटबैंक नहीं, मुझे शिक्षित-समृद्ध भारत चाहिए। उन्होंने कहा कि ये शर्म की बात है कि आज हमारे देश के बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन जाते हैं। कभी भारत के नालांदा विश्वविद्यालय में दूसरे देशों के बच्चे पढ़ने आते थे। हमें फ़िर से ऐसा माहौल तैयार करना है जहां दूसरे देशों के बच्चे यहां पढ़ने आये। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि अब गुजरात में अच्छे स्कूल भी बनेंगे और अच्छी शिक्षा भी मिलेगी। रोक सको तो रोक लो।