By अंकित सिंह | May 07, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह 2 दिनों के बंगाल दौरे पर थे। अमित शाह का यह बंगाल दौरा ऐसे समय में हो रहा था, जब पार्टी के अंदर लगातार उथल-पुथल मची हुई है। कई नेता पार्टी छोड़ चुके हैं जबकि कई नाराज बताए जा रहे हैं। इन सबके बीच अमित शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भरने की कोशिश की। अमित शाह का यह दौरा 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर भी बेहद महत्वपूर्ण था। इस दौरान अमित शाह ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ एक बैठक भी की। इस बैठक में अमित शाह ने 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर उन्हें गुरु मंत्र भी दिया।
इसी बैठक में अमित शाह ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन वाली मांग को भी अनुचित करार दिया। इसका मतलब साफ है कि भाजपा नेताओं की ओर से बंगाल में जिस राष्ट्रपति शासन की लगातार मांग की जा रही है, उसे उन्होंने खारिज कर दिया। अपने बयान में अमित शाह ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई सरकार से लड़ने का यह उचित तरीका नहीं है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, अमित शाह ने कहा है कि पार्टी अपने संगठन के बल पर ही आगे बढ़ेगी। पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने की जरूरत है।
अमित शाह ने नेताओं और कार्यकर्ताओं को दूसरे राज्यों का भी उदाहरण दिया जहां कई वर्षों तक विपक्ष के रूप में मेहनत के बाद भाजपा सत्ता में आयी। उन्होंने कहा कि शाह ने सलाह दी कि जब पार्टी विपक्ष में होती है तो उसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और पार्टी को उन चुनौतियों का सामना करना ही होगा। इसके साथ ही काशीपुर में भाजयुमो के कार्यकर्ता अर्जुन चौरसिया की मौत को ‘‘राजनीतिक हत्या’’ बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से इसकी जांच कराने की मांग की।