By नीरज कुमार दुबे | Nov 05, 2024
पंजाब कांग्रेस के बड़े नेता और पार्टी विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि नवंबर 1984 की सिख विरोधी हिंसा महज 'दंगा' नहीं था बल्कि यह सिखों का नरसंहार था। पंजाब कांग्रेस के विधायक सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि 1984 के पीड़ितों को अभी भी न्याय नहीं मिला है। उन्होंने कहा है कि "न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के समान है"। सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि मुझे पता है कि कांग्रेस में इस मुद्दे पर बात करना आसान नहीं है और इससे (राजनीतिक) नुकसान भी हो सकता है, लेकिन उन्होंने केवल न्याय के लिए बात की है।
अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट किये गये एक वीडियो संदेश में खैरा ने कहा- 'न्याय में देरी, न्याय नहीं मिलने के बराबर है। 1984 के सिख नरसंहार के पीड़ितों के साथ यही हुआ है क्योंकि उन्हें 40 साल बाद भी न्याय नहीं मिला है। यह घोर अन्याय है'। उन्होंने कहा कि निहत्थे नागरिकों को न्याय मिलने तक यह भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली और न्यायपालिका पर एक धब्बा बना रहेगा। वीडियो में उन्होंने दलील दी कि ये दो समुदायों के बीच दंगे नहीं, बल्कि एकतरफा नरसंहार और नरसंहार थे।
हम आपको बता दें कि उनके फेसबुक अकाउंट पर भी पंजाबी में ऐसा ही संदेश था। इसमें उन्होंने कहा है, "मैं सभी पार्टियों, विशेषकर हमारी पार्टी से अंतिम न्याय देने की अपील करता हूं। मुझे लगता है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता के रूप में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं और वह देश में सभी प्रकार के अन्याय के खिलाफ लड़ रहे हैं। वह उस समय एक बच्चे थे, समय आ गया है कि मानवीय मूल्यों की खातिर, सभी के कल्याण के लिए काम करने वाले सिखों को भी न्याय दिया जाना चाहिए।"
हम आपको बता दें कि विधायक के रूप में सुखपाल सिंह खैरा का यह तीसरा कार्यकाल है। वह पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं। खैरा अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी हैं। देखना होगा कि उनकी इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस पार्टी का उनके प्रति क्या रुख रहता है?