By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 03, 2019
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान सात और आठ अक्ट्रबर को चीन का दौरा करेंगे और देश के शीर्ष नेतृत्व से मिलकर 60 अरब डॉलर की अवरुद्ध चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को पुनर्जीवित करने पर चर्चा करेंगे। यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। अरबों डॉलर की सीपीईसी परियोजना को 2015 में शुरू किया गया था और पहले चरण में इसके तहत चल रही कई परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं, लेकिन पिछले साल इमरान खान के सत्ता में आने के बाद से दूसरे चरण की परियोजना की गति मंद पड़ गई।
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इमरान की बीजिंग यात्रा चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत की संभावित यात्रा से पहले हो रही है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन करने आने वाले हैं। यह शिखर सम्मेलन कश्मीर पर भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से पैदा हुए तनाव के बीच होने वाला है। डान अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि प्रधानमंत्री खान ने आर्थिक गलियारे पर बुधवार को बैठक की और कहा कि परियोजना की सभी बाधाओं को दूर करना और उन्हें समय पर पूरा करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन से दोस्ती को मजबूत करने के वास्ते वहां के शीर्ष नेतृत्व से बात करने के लिए वह बीजिंग जाएंगे। पाकिस्तानी अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि सीपीईसी से जुड़ी परियोजनाएं कई कारणों से बाधित हैं। इनमें सरकार के सामने उपस्थित आर्थिक संकट, भ्रष्टाचार निरोधी संस्था राष्ट्रीय जवादेही ब्यूरो के डर से नौकरशाहों को असहयोगात्मक रवैया शामिल है।
सीपीईसी राष्ट्रपति चिनफिंग की महत्वाकांक्षी योजना ‘बेल्ट एंड रोड’ पहल का हिस्सा है। यह भारत-चीन संबंधों में विवाद की भी वजह है क्योंकि नई दिल्ली पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में सीपीईसी के तहत आधारभूत संरचना की परियोजनाओं का विरोध कर रहा है।
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नियोजन एवं विकास मंत्री खुसरो बख्तियार ने बैठक में सीपीईसी से जुड़ी परियोजनाओं और उनमें हुई प्रगति से अवगत कराया। रेलमंत्री शेख राशिद अहमद ने बैठक में सीपीईसी परियोजना के अंतर्गत कराची से पेशावर को जोड़ने के लिए बिछाई जा रही रेल लाइन एम-1 में हुई प्रगति की जानकारी दी। इमरान का चीन दौरा ऐसे समय हो रहा है जब कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस्लामाबाद के करीबी बीजिंग ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया है और उसके विदेश मंत्री वांग यि ने कहा कि यथास्थिति को बदलने वाली कोई भी एकतरफा कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए।