इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान मलेशिया की कथित नाराजगी दूर करने के लिए अगले सप्ताह कुआलालंपुर की यात्रा करेंगे। खान ने सऊदी अरब के कथित दबाव में मुस्लिम देशों के एक बड़े सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया था। यह जानकारी बुधवार को मीडिया की एक खबर में दी गई। खान ने 19 से 21 दिसम्बर को मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा आयोजित उक्त सम्मेलन में हिस्सा लेने की पुष्टि की थी लेकिन आखिरी समय में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के दबाव के चलते इसमें शामिल नहीं हुए थे। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात आर्थिक मुश्किलों का सामना कर रहे पाकिस्तान के प्रमुख वित्तीय मददगार हैं।
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सऊदी अरब ने कुआलालंपुर में आयोजित सम्मेलन को मुस्लिम जगत में एक नया ब्लाक बनाने के एक प्रयास के दौर पर देखा था जो अब सामान्य तरीके से संचालित नहीं हो रहे आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोआपरेशन (ओआईसी) का एक विकल्प बन सकता है। सऊदी अरब के मंत्री शहजादे फैजल बिन फरहान ने सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने के लिए पाकिस्तान का अभार जताने के वास्ते पिछले महीने इस्लामाबाद की यात्रा की थी। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ने बुधवार को खबर दी थी कि खान का तीन..चार फरवरीसे कुआलालंपुर की एक आधिकारिक यात्रा करने का कार्यक्रम है।
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कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के बाद खान ने मलेशियाई प्रधानमंत्री से फोन पर बात की थी और सम्मेलन के बाद यात्रा करने की बात कही थी। खबर में कहा गया है कि ऐसा माना जाता है कि खान इस यात्रा का इस्तेमाल महातिर मोहम्मद को पाकिस्तान के सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का कारण बताने के लिए करेंगे। साथ ही पाकिस्तान तुर्की द्वारा यह आरोप लगाये जाने के बाद से उससे सम्पर्क बनाने का प्रयास कर रहा है कि सऊदी अरब की चेतावनी के चलते इस्लामाबाद सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ। खबर में कहा गया कि तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की फरवरी में प्रस्तावित पाकिस्तान की यात्रा से दोनों देशों के बीच किसी अविश्वास को दूर करने में मदद मिलेगी।