By अभिनय आकाश | Jul 12, 2021
अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की वापसी और देश में तालिबान के बढ़ते प्रभुत्व के चलते देश दुनिया के सारे समीकरण बदल गए हैं। तेजी से बढ़ते तालिबान के नियंत्रण के बीच चरमपंथी समूह ने दावा किया कि देश के 85 प्रतिशत हिस्से पर अब उसका कब्जा है। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की रवानगी का सीधा असर भारत समेत पाकिस्तान, रूस, चीन, ईरान और तुर्की पर पड़ रहा है। वहीं अमेरिकी फौजों की वापसी को मौके की तरह देख रहे पाकिस्तान को तालिबान से झटका भी मिला है और बड़ी चेतावनी भी मिली है। तालिबान के प्रवक्ता सोहैल शाहीन ने पाकिस्तान को चेताते हुए कहा है कि तालिबान में अफगानिस्तान की बातचीत के जरिये समझैता करने में मदद करने के लिए पाकिस्तान का स्वागत किया जाएगा। लेकिन इस्लामाबाद हमें निर्देश नहीं दे सकता या फिर हमपर अपने विचार नहीं थोप सकता है। हम अपने हिसाब से अपनी रणनीति तैयार करेंगे।
तालिबानी प्रवक्ता ने ये बयान जियो न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में दिया है। इंटरव्यू के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए तालिबानी प्रवक्ता ने कहा कि हम भाईचारे वाले संबंध चाहते हैं। पाकिस्तान हमारा पड़ोसी है। एक मुस्लिम देश है। पाकिस्तान शांति प्रक्रिया में हमारी मदद कर सकता है। लेकिन हमपर हुक्म नहीं चला सकता है। न ही अपने विचार हम पर थोप सकता है। ये अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के भी खिलाफ है।