जानिए सावन महीना भगवान शिव को क्यों है प्रिय

FacebookTwitterWhatsapp

By विंध्यवासिनी सिंह | Jul 29, 2021

जानिए सावन महीना भगवान शिव को क्यों है प्रिय

सावन के महीने की महत्ता बहुत ही ज्यादा मानी जाती है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को काफी प्रिय रहा है। सावन के महीने की एक खास बात यह है, कि इस महीने में हर तरफ मौसम सुहावना और रिमझिम सी बरसात और हरियाली लोगों का मन मोह लेती है। 


पर क्या आपको पता है कि सावन के महीने को भगवान शंकर का महीना भी कहा जाता है। इस महीने में कांवड़ जाने वाले व्यक्ति भगवान शंकर पर जल चढ़ाने जाते हैं। 


प्रत्येक वर्ष इसकी तिथि आगे पीछे होती रहती है, और इस साल 2021 में 25 जुलाई से सावन मास की शुरुआत हो गई है। इस दिन रविवार पड़ था, और सावन का पहला सोमवार जिसका काफी महत्व है, वह 26 जुलाई को पड़ा था। जैसा कि हम सबको पता है कि सावन रक्षाबंधन तक चलता है, और 22 अगस्त रविवार को ही रक्षाबंधन पड़ रहा है। 

इसे भी पढ़ें: शिव साधना से सावन के महीने में शिवत्व को धारण करें

इसी दिन सावन का महीना भी समाप्त होगा। आप यह जानकर आश्चर्य करेंगे कि दक्षिण भारत में और उत्तर भारत के श्रावण मास में अंतर है। दक्षिण भारत का सावन देर से शुरू होता है।


इसको और विशेष रूप में देखा जाए तो आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष के समाप्त होने के बाद सावन महीना शुरू होता है, क्योंकि वर्षा ऋतु सावन के पहले से ही शुरू होती है, अर्थात आषाढ़ माह से ही शुरू हो गई होती है। 


शुक्ल पक्ष की एकादशी को देव शयनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, और चतुर्मास का प्रारंभ भी इस दिन से ही होता है। चातुर्मास भगवान की साधना व्रत इत्यादि के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं, और चतुर्मास में श्रावण, भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक ने 4 महीने आते हैं।


भगवान शंकर से इसके संबंध की बात करें, तो माता पार्वती द्वारा दूसरे जन्म में भगवान शंकर को प्राप्त करने हेतु, अपनी युवावस्था से ही श्रावण महीने में पूर्ण निराहार रहकर कठोर व्रत करने का प्रसंग आता है। उनका व्रत इतना कठोर था, कि भगवान शंकर के लाख परीक्षा के बावजूद सती के आगे उन्हें हार स्वीकार करनी पड़ी, और दोनों का विवाह संपन्न हुआ। श्रावण माह 'श्रवण' से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ सुनना होता है। 

इसे भी पढ़ें: सभी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए श्रावण मास से शुरू कीजिये सोलह सोमवार व्रत

इस महीने में धर्म को और आध्यात्मिकता को सुनना और समझना शामिल है। अर्थात इस महीने में व्रत और त्योहार का महत्व अपने आप ही बढ़ जाता है। सावन के महीने में आपको निराहारी अथवा फलाहारी बने रहने की बात कही गई है। सावन के महीने में शास्त्र के अनुसार व्रतों का पालन करते हुए आपको मनमर्जी से बचना चाहिए।


सावन के महीने में आने वाले सोमवारों की बात करें, तो 25 जुलाई को सावन मास का पहला दिन पड़ रहा है, तो श्रावण मास का पहला सोमवार 26 जुलाई को पड़ रहा है। दूसरा, सोमवार 2 अगस्त को, तो तीसरा, सावन का सोमवार 9 अगस्त को पड़ रहा है। चौथा, श्रावण सोमवार 16 अगस्त को, तो श्रावण मास का अंतिम दिन 22 अगस्त को पड़ रहा है।


सावन के महीने के सोमवार की विशेष अहमियत होती है, और इस दिन का व्रत भक्तों को भगवान भोलेनाथ के चरणों में विशेष स्थान दिलाता है। वहीं, अगर पश्चिम और दक्षिण भारत की बात करें, तो वहां 9 अगस्त से सावन महीना शुरू होगा, और 7 सितंबर 2021 को सावन महीने का अंतिम दिन होगा। वहां सावन महीने के सोमवार की बात करें, तो 9 अगस्त के बाद 19 अगस्त, 23 अगस्त, 30 अगस्त एवं 6 सितंबर को सावन महीने का सोमवार होगा।


ऐसा माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ अवघड़ दानी हैं, और उनको प्रसन्न करना बेहद सरल है, तो क्यों ना सावन महीने के सोमवार को आप भी व्रत रहें, और अपने भक्ति भाव से भगवान शंकर को प्रसन्न करके पुण्य लाभ अर्जित करें।


- विंध्यवासिनी सिंह

प्रमुख खबरें

LSG vs SRH: ट्रेविस हेड हुए कोरोना से संक्रमित, जानें कब होगी सनराइजर्स हैदराबाद में वापसी?

IPL 2025 DC vs GT: दिल्ली कैपिटल्स वर्सेस गुजरात टाइटंस, देखें दोनों टीमों की प्लेइंग 11

RR vs PBKS Highlights: राजस्थान रॉयल्स को हराकर प्लेऑफ के करीब पहुंची पंजाब किंग्स, नेहाल-हरप्रीत का जीत में अहम योगदान

सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ लखनऊ सुपर जाएंट्स की अग्निपरीक्षा, प्लेऑफ की उम्मीद बरकरार रखने के इरादे से उतरेगी LSG