नई दिल्ली।(इंडिया साइंस वायर): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली में आधुनिक तकनीक से लैस एक ऐसा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधारित अनुसंधान सुविधा केंद्र स्थापित किया जाएगा, जो उद्योगों, स्टार्टअप कंपनियों और अकादमिक संस्थानों द्वारा किए जाने वाले शोध एवं विकास कार्यों को बढ़ावा देने में मददगार हो सकता है।
परिष्कृत विश्लेषणात्मक और तकनीकी सहायता संस्थान (साथी) नामक इस केंद्र को स्थापित करने का उद्देश्य शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए एक ही छत के नीचे उच्च दक्षता से युक्त तकनीकी सुविधाएं मुहैया कराना है। इस सुविधा केंद्र का लाभ अकादमिक संस्थानों, स्टार्टअप कंपनियों, विनिर्माण इकाइयों, उद्योगों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं को मिल सकेगा।
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यह सुविधा केंद्र वैज्ञानिक शोध कार्यों के लिए जरूरी प्रमुख विश्लेषणात्मक एवं उन्नत विनिर्माण उपकरणों से सुसज्जित होगा, जो आमतौर पर संस्थानों में उपलब्ध नहीं होते। इसे आईआईटी-दिल्ली के सोनीपत परिसर (हरियाणा) में स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र की स्थापना के लिए आईआईटी-दिल्ली को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से 125 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा।
आईआईटी-दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव ने कहा कि “सरकार द्वारा ‘साथी’ की स्थापना भारत में प्रयोगात्मक अनुसंधान कार्यों को नई ऊंचाई पर ले जाने में परिवर्तनकारी साबित हो सकती है। उच्च दर्जे की शोध सुविधाओं की स्थापना से लेकर उनके प्रबंधन और उपयोग में आईआईटी-दिल्ली का बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। हमारी कोशिश होगी कि इस नए सुविधा केंद्र का लाभ शोधकर्ताओं को बिना किसी अवरोध के 24 घंटे मिलता रहे। इस परियोजना के अंतर्गत स्थापित सुविधाओं के अलावा, संस्थान में उपलब्ध अन्य अनुसंधान सुविधाओं का लाभ भी ‘साथी’ केंद्र में मिल सकेगा।”
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‘साथी’ की स्थापना के लिए आईआईटी-दिल्ली का चयन विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की एक उच्च स्तरीय कमेटी द्वारा किया गया है। अपने उत्कृष्ट अनुसंधान एवं विकास कार्यों, प्रबंधकीय तथा प्रशासनिक क्षमता और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के चलते आईआईटी-दिल्ली का चयन ‘साथी’ सुविधा केंद्र की स्थापना के लिए किया गया है।
आईआईटी-दिल्ली के अनुसंधान एवं विकास विभाग के डीन प्रोफेसर बी.आर. मेहता ने कहा कि “इस सुविधा केंद्र में उच्च क्षमता के उपकरणों की उपलब्धता के साथ शोधकर्ताओं को तकनीकी एवं वैज्ञानिक सहयोग भी प्रदान किया जाएगा। छात्रों, वैज्ञानिकों और उद्यमियों से जुड़ी वैज्ञानिक एवं तकनीकी कठिनाइयों को दूर करने में आईआईटी-दिल्ली के संकाय सदस्य और शोधकर्ता इस सुविधा केंद्र में उनकी मदद के लिए तैयार रहेंगे।”
(इंडिया साइंस वायर)