By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 12, 2019
चेन्नई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने अनुच्छेद 370 पर केंद्र के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता, तो भाजपा विशेष दर्जा नहीं छीनती। चिदंबरम ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाने के लिए बाहुबल का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्थिति अस्थिर है और अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियां अशांति को कवर कर रही हैं, लेकिन भारतीय मीडिया यह काम नहीं कर रहा। उन्होंने भाजपा के कदम की यहां रविवार को एक कार्यक्रम में निंदा करते हुए कहा, ‘‘...वे (भाजपा) दावा करते हैं कि कश्मीर में स्थिति स्थिर है।
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क्या ऐसा है? यदि भारतीय मीडिया जम्मू कश्मीर में अशांति को कवर नहीं कर रहे हैं तो क्या इसका यह मतलब है कि स्थिति स्थिर है ? ’’ चिदंबरम ने सात राज्यों में शासन कर रही सात क्षेत्रीय पार्टियों की भी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने (इन दलों ने) डर से राज्यसभा में भाजपा के (अनुच्छेद 370 पर) कदम के खिलाफ सहयोग नहीं किया। पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि लोकसभा में हमारे पास बहुमत नहीं है लेकिन यदि सात पार्टियों (अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस, टीआरएस, बीजद, आप, तृणमूल कांग्रेस, जदयू) ने सहयोग किया होता तो राज्यसभा में विपक्ष बहुमत में होता। यह कुछ परेशान करने वाली चीज है।’’उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने वाकआऊट किया, लेकिन इससे क्या फर्क पड़ा।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के सौरा में करीब 10,000 लोगों ने प्रदर्शन किया, जिस दौरान पुलिस कार्रवाई और गोलीबारी का होना भी सच है।’’ चिदंबरम ने कहा कि देश के 70 साल के इतिहास में ऐसा उदाहरण कभी नहीं देखने को मिला, जिसमें किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील कर दिया गया हो। उन्होंने कहा, ‘‘आज, जम्मू कश्मीर को एक नगर पालिका में तब्दील कर दिया गया...अनुच्छेद 371 के तहत अन्य राज्यों के लिए भी विशेष प्रावधान हैं, फिर जम्मू कश्मीर के साथ ही ऐसा क्यों किया गया...ऐसा धार्मिक कारणों को लेकर किया गया।’’उन्होंने कहा, ‘‘यदि जम्मू कश्मीर हिंदू बहुल राज्य होता,तो भाजपा ऐसा नहीं करती। उन्होंने ऐसा किया क्योंकि यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है।’’
चिदंबरम ने कहा, ‘‘भाजपा कश्मीर का एकीकरण बाहुबल से कर रही है।’’ उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और सरदार वल्लभभाई पटेल के बीच कभी तकरार नहीं होने की बात पर जोर देते हुए कहा, ‘‘पटेल कभी भी आरएसएस के पदाधिकारी नहीं थे। उनका (भाजपा का) कोई नेता नहीं है, वे हमारे नेता को अपना बता रहे हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन चोरी करता है, इतिहास यह नहीं भूलता कि कौन किससे जुड़ा हुआ है।’ ’’ चिदंबरम ने पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेताओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि कांग्रेस में सिर्फ वही नेता अब तक टिके हुए हैं जो 22 और 24 कैरेट गुणवत्ता वाले हैं।