नए कृषि कानूनों को लेकर नीति आयोग सदस्य ने दिया बड़ा बयान, कहा- रद्द हुए, तो कोई सरकार...

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 23, 2021

नयी दिल्ली। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने शुक्रवार को कहा कि अगर नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाता है, तो कोई भी सरकार अगले 10-15 वर्षों में इन्हें फिर से लाने का साहस नहीं करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार और किसानों के बीच कायम गतिरोध को ‘अहम’ का टकराव’ करार दिया। विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के हजारों किसान नये कृषि कानूनों को रद्द करने और अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए सरकार से कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और किसान यूनियनों के बीच 11 दौर की वार्ता का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। हालांकि, सरकार ने कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का प्रस्ताव किसानों को दिया है।

इसे भी पढ़ें: भारत-अमेरिका के आर्थिक संबंध होगी बाइडन प्रशासन की टॉप प्राथमिकता

चंद ने एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि मुद्दा अब ‘बहुत जटिल‘ हो गया है और जहां तक ​​सुधारों की आवश्यकता है, उनका मानना ​​है कि हर कोई आश्वस्त है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी तरह लगता है कि अब यह अहम का प्रश्न बन गया है। हमें किसी तरह इस अहम को छोड़ने और कृषि क्षेत्र के व्यापक हित को देखने की जरूरत है।’’ चंद ने कहा, ‘‘क्योंकि, अगर इन सुधारों को निरस्त किया जाता है, तो मुझे नहीं पता कि अगले 10-15 वर्षों में, किसी को भी इस प्रकार के सुधारों को लाने की हिम्मत होगी।’’ नीति आयोग के सदस्य (कृषि) ने कहा कि यदि ऐसा होता है, तो यह ‘किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बहुत हानिकारक’ होगा।

प्रमुख खबरें

Air India 2025 में प्रमुख पहलों पर प्रगति देखेगी; लाभ की दिशा में कर रही है काम: सीईओ विल्सन

बीएमसी चुनाव में अकेले उतरेगी Shiv Sena UBT? मुंबई में उद्धव ठाकरे ने शुरू की यह कवायद

मैनपुरी में युवक ने पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगा किया सुसाइट

Makeup Look 2024: साल 2024 में ट्रेंड्स का हिस्सा रहे ये मेकअप लुक, खास मौके पर बने सबकी पहली पसंद