By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 08, 2019
नयी दिल्ली। भारत में होने वाले टूर्नामेंटों में कर रियायत के मसले को लेकर चल रहे विवाद के कारण आईसीसी ने सालाना राजस्व में भारतीय क्रिकेट बोर्ड के हिस्से में कटौती की धमकी दी है जिसके बाद बीसीसीआई इंग्लैंड की एक कानूनी फार्म की सेवायें ले सकता है। शशांक मनोहर की अगुवाई वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद भारत में होने वाले सभी वैश्विक टूर्नामेंटों में कर में छूट चाहती है। उसे 2016 में यहां हुए टी20 विश्व कप के लिये कर छूट का इंतजार है।
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प्रशासकों की समिति की छह जुलाई को हुई बैठक के ताजा दस्तावेजों के अनुसार आईसीसी 2016 विश्व कप के करों के बोझ को उसके सालाना राजस्व में से बीसीसीआई के हिस्से में कटौती करके कम करना चाहती है। बीसीसीआई की कानूनी टीम ने सीओए को बताया कि बोर्ड ने आईसीसी को कर रियायत के सारे प्रयास करने का आश्वासन दिया था। इससे पहले इस तरह के टूर्नामेंटों को कर छूट मिलती आई है।
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बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी बैठक के ब्यौरे में कहा गया कि आईसीसी बीसीसीआई का सालाना राजस्व में हिस्सा काटकर इसकी भरपाई करना चाहती है। इसमें कहा गया ,‘‘ 2016 विश्व कप के संदर्भ में कर अधिकारियों ने निर्देश दिया कि मीडिया अधिकार करार के तहत आईसीसी प्रसारक (स्टार स्पोटर्स) द्वारा आईसीसी को दी जाने वाली राशि का दस प्रतिशत रोक लिया जाये । सीओए को बताया गया कि आईसीसी इस रकम की भरपाई उसके द्वारा बीसीसीआई को किये जाने वाले भुगतान में कटौती करके करना चाहती है ।’’
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सीओए ने बीसीसीआई की कानूनी टीम को इंग्लैंड की कानून फर्म की सेवायें लेने के लिये कहा है क्योंकि बीसीसीआई और आईसीसी के बीच टी20 विश्व कप की मेजबानी के संदर्भ में करार इंग्लैंड के कानून के तहत हुआ था। एक अन्य फैसले में बीसीसीआई ने भारत के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन को बकाया भुगतान रोक दिया है। वहीं भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच 10 से 14 अक्तूबर तक होने वाला दूसरा टेस्ट रांची की बजाय पुणे में होगा। रांची में तीसरा और आखिरी टेस्ट 19 से 23 अक्तूबर तक होगा। झारखंड प्रदेश क्रिकेट संघ ने दुर्गा पूजा के कारण दूसरे टेस्ट की मेजबानी में असमर्थता जताई थी।