विश्व कप में होगा ऑलराउंडर्स का दबदबा, 2 बार की चैंपियन रही विंडीज पर सबकी निगाहें

By अनुराग गुप्ता | May 18, 2019

क्रिकेट के महासंग्राम की शुरूआत 30 मई से इंग्लैंड और वेल्स में होने वाली है और इस बार सभी 10 टीमें काफी उत्साहित दिखाई दे रही हैं। लेकिन खिताब तो कोई एक ही अपने नाम कर पाएगा। इस संग्राम में 2 बार की विश्व विजेता रही वेस्टइंडीज को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि इस बार की टीम में तजुर्बेदार लोगों के साथ-साथ युवा अनुभव भी दिखाई दे रहा है। आईसीसी टीम रैंकिंग में आठवां स्थान हासिल करने वाली विंडीज टीम ने साल 1975 में ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराकर और साल 1979 में इंग्लैंड को 92 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया था। 

 

शुरूआती दौर में विश्व कप को तीन बार इंग्लैंड में आयोजित किया गया। लेकिन 1987 के बाद हर 4 साल में वर्ल्ड कप की मेजबानी का मौका दूसरे देशों को भी दिया गया। टूर्नामेंट अपना दबदबा कायम रखने वाली विंडीज टीम ने वर्ल्ड कप में अभी तक कुल 71 मैच खेले हैं। जिनमें से 41 मैच में जीत दर्ज की। लेकिन 2 बार खिताब हासिल करने वाली टीम को तीसरी बार 1983 में कपिल देव की टीम इंडिया ने रोक दिया। रोका ही नहीं बल्कि 43 रन से पटकनी देते हुए विजेता को उपविजेता बना दिया, जिसके साथ ही विंडीज की बादशाहत खत्म हो गई और वह फिर कभी भी फाइनल में पहुंच नहीं सकी।

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आक्रामकता से भरी हुई विंडीज टीम भले ही 1983 के बाद फाइनल में नहीं पहुंच पाई हो लेकिन वह इस बार के वर्ल्ड कप में औरों का खेल जरूर बिगाड़ सकती है। मौजूदा समय में वेस्ट इंडीज क्रिकेट टीम ने क्रिस गेल और आंद्रे रसेल को टीम में शामिल किया। जबकि किरोन पोलार्ड को शामिल नहीं किए जाने की वजह से काफी आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ा। हालांकि पैसों की तंगी को लेकर जूझते हुए बोर्ड ने टीम की कमान जेसन होल्डर के हाथों में सौंपी। 

 

क्रिकेट एक्सपर्ट्स और प्रेमियों की माने तो इस बार विंडीज टीम के ऑलराउंडर्स बाकी सभी टीमों की उम्मीदों पर पानी फेर सकते हैं। अगर इस बयान पर ध्यान दिया जाए तो विंडीज के पूर्व क्रिकेटर क्लाइव लॉयड का आईसीसी को दिया गया बयान याद आता है। जिसमें उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान से लेकर इंग्लैंड और भारत से लेकर विंडीज तक हर टीम में शानदार ऑलराउंडर खिलाड़ी मौजूद हैं। मेरा मानना है कि इस वर्ल्ड कप में ऑलराउंडरों की भूमिका अहम होगी और यह उन्हीं का वर्ल्ड कप साबित होगा।

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खुद किस्मत से मिला था वेस्ट इंडीज को वर्ल्ड कप का टिकट

साल 2019 का वेस्टइंडीज को अगर वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिल रहा है तो इसके लिए आईसीसी को डकवर्थ-लुईस नियम बनाने के लिए धन्यवाद अदा करना चाहिए। पिछले साल हरारे में विश्व कप का टिकट हासिल करने को लेकर विंडीज और स्कॉटलैंड के बीच जंग जारी थी और इस जंग में लगभग स्कॉटलैंड ने जीत हासिल कर ही ली थी कि मैच में पानी फिर गया। इस मुकाबले में 198 रन का पीछा कर रही स्कॉटलैंड ने 35.2 ओवर में 5 विकेट पर 125 रन बना लिए थे। तभी अचानक तेज बारिश होने लगी और डकवर्थ-लुइस नियम से विंडीज ने मैच जीत लिया।

 

महज एक वनडे खेलने वाले निकोलस पूरन को पांचवां विश्व कप खेलने जा रहे क्रिस गेल से काफी कुछ सीखने की जरूरत है। क्योंकि जोश के साथ-साथ युवाओं को अनुभव की भी काफी जरूरत होगी। विश्व कप खेल रही बाकी की टीमों की नजर सबसे ज्यादा फॉर्म में चल रहे आंद्रे रसेल पर होगी क्योंकि उन्होंने आईपीएल में अपने दम पर केकेआर को कई मुश्किल मुकाबले जीतने में मदद की थी। रसेल ने आईपीएल के मौजूदा सत्र में 14 मैचों में 204 के स्ट्राइक रेट से 510 रन बनाए और 11 विकेट भी हासिल किए। 

 

एक नजर विंडीज टीम पर:

जेसन होल्डर (कप्तान), क्रिस गेल, आंद्रे रसेल, शेल्डन कॉटरेल, शैनन गेब्रियल, केमार रोच, निकोलस पूरन, एश्ले नर्स, फैबियन एलन, डरेन ब्रावो, शिमरॉन हेटमायर, शाई होप, कार्लोस ब्रेथवेट, ओशेन थॉमस व एविन लुइस।

 

- अनुराग गुप्ता

 

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