G20 Summit के लिए Rafale, सुखोई तैनात करेगा IAF, आसमान से भी होगी हिफाजत

By रितिका कमठान | Sep 02, 2023

भारत अगले सप्ताह जी20 शिखर सम्मेलन की शानदार और ऐतिहासिक मेजबानी करने के लिए तैयार है। नई दिल्ली में इस सम्मेलन के मद्देनजर सुरक्षा के कई कड़े इंतजाम किए गए है। विदेशों से आ रहे कई वीवीआईपी मेहमानों की सुरक्षा के लिहाज से राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) से लेकर भारतीय वायु सेना (आईएएफ) तक राष्ट्रीय राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए तैनात होगी।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में 9 और 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन होने वाला है जिसमें 40 से अधिक राष्ट्राध्यक्ष शिरकत करेंगे। इस दौरान कई वैश्विक संगठनों के नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है। 

 

जी20 के लिए एयर शील्ड तैयार

जी20 शिखर सम्मेलन को देखते हुए दिल्ली के आसमान को अभेद्य बनाया जाएगा। इसके लिए भारतीय वायुसेना शिखर सम्मेलन के लिए अपने सर्वश्रेष्ठ कर्मियों और उपकरणों को भेजेगी। दिल्ली के आसमान पर राफेल, मिराज-2000 और सुखोई-30एमकेआई सहित देश के प्राथमिक लड़ाकू विमानों द्वारा लगातार गश्त की जाएगी ताकि किसी पूर्ण रूप से सुरक्षा की जा सके। इस संबंध में इंडिया टुडे को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वायु सेना मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली (MRSAM) और आकाश वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली सहित अत्याधुनिक वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों का उपयोग करेगी।

 

भारतीय वायुसेना ने अंबाला, बरेली, सिरसा, भटिंडा और ग्वालियर जैसे हवाई अड्डों को भी ऑपरेशनल बनाया है। ये सभी एयरपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी के करीब हैं। बेहतर निगरानी के लिए भारतीय वायु सेना द्वारा स्वदेशी NETRA निगरानी विमान और AWACS निगरानी विमानों का भी उपयोग किया जाएगा। जी20 सम्मेलन के दौरान ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं होगी। किसी भी अवांछित ड्रोन गतिविधि को रोकने के लिए पूरी राष्ट्रीय राजधानी में काउंटर-ड्रोन उपकरण लगाए गए हैं। नागरिक संगठन हवाई क्षेत्र सुरक्षा को नियंत्रित करने वाले नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करके उल्लंघन की संभावना को कम करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।

 

जानकारी के मुताबिक इन बेहतरीन और अपडेटेड तकनीकों को 70 किलोमीटर की अभूतपूर्व सीमा के भीतर शत्रुतापूर्ण ड्रोन, क्रूज़ मिसाइलों, हेलीकॉप्टरों और विमानों द्वारा उत्पन्न खतरों को खत्म करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार भारतीय वायु सेना का ऑपरेशंस डायरेक्शन सेंटर संयुक्त नियंत्रण और विश्लेषण केंद्र और अन्य संगठनों के साथ मिलकर काम करेगी जिससे किसी तरह की धमकी की पहचान की जा सकेगी। बता दें कि ये खतरे ये खतरे धीमी गति से चलने वाले ड्रोन से लेकर तेज़ हवाई जहाज़ और अन्य छोटी और बड़ी चीज़ों तक हो सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 29 अगस्त से 12 सितंबर तक दिल्ली पुलिस ने "उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों" की उड़ान पर प्रतिबंध लगा दिया है। यानी इस दौरान पैराग्लाइडर, पैरामोटर्स, हैंग ग्लाइडर, यूएवीएस, यूएएसएस, माइक्रोलाइट्स, दूर से संचालित विमान, गर्म हवा के गुब्बारे, छोटे आकार के संचालित विमान, क्वाडकॉप्टर और विमान से छलांग लगाने वाले पैराशूट आदि के उपयोग पर रोक रहेगी।

 

विदेशी मेहमानों की सुरक्षा में जुटी एनएसजी

इन विदेशी गणमान्य व्यक्तियों की सुरक्षा और ज़मीन पर किसी भी अवांछनीय स्थिति को रोकने की ज़िम्मेदारी जिस सुरक्षा दल को सौंपी गई है, उसमें भारत का शीर्ष आतंकवाद विरोधी बल राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) भी शामिल है। जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान एनएसजी की विशेषज्ञता का पूरा स्पेक्ट्रम गृह मंत्रालय नियोजित करेगा। किसी आतंकी गतिविधि होने की सूरत में एनएसजी हाउस इंटरवेंशन टीमें (एचआईटी) और स्नाइपर टुकड़ियाँ ऐसे स्थानों पर कार्रवाई के लिए तैयार रहेंगी। रिपोर्ट के अनुसार किसी भी विस्फोटक खतरे को रोकने के लिए एनएसजी बम टीमों के पास दूर से संचालित वाहन और पूर्ण नियंत्रण वाहन होंगे।

प्रमुख खबरें

गोवा में बड़ा हादसा, पर्यटकों से भरी नाव पलटी, एक की मौत, 20 लोगों को बचाया गया

AUS vs IND: बॉक्सिंग डे टेस्ट में रोमांचक मुकाबले की संभावना, क्या रोहित करेंगे ओपनिंग, जानें किसका पलड़ा भारी

Importance of Ramcharitmanas: जानिए रामचरितमानस को लाल कपड़े में रखने की परंपरा का क्या है कारण

Arjun Kapoor के मैं सिंगल हूं कमेंट पर Malaika Arora ने दिया रिएक्शन, जानें क्या कहा?