By अंकित सिंह | Apr 07, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मुलाकात की। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा है, जिसमें एसएससी द्वारा बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति को रद्द कर दिया गया था। ममता बनर्जी ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश चल रही है। 9वीं, 10वीं, 11वीं, 12वीं के शिक्षक ही उच्च शिक्षा के द्वार हैं। कई (शिक्षक) गोल्ड मेडलिस्ट हैं, उन्होंने अपने जीवन में बहुत अच्छे परिणाम हासिल किए हैं, और आप उन्हें चोर कह रहे हैं। आप उन्हें अक्षम कह रहे हैं, आपको यह अधिकार किसने दिया? कौन यह खेल खेल रहा है।
ममता बनर्जी ने कहा कि मैं पात्र उम्मीदवारों को स्कूल की नौकरी नहीं गंवाने दूंगी। उन्होंने कहा कि स्कूली नौकरियों को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले से बंधी हुई हूं, लेकिन हालात से पूरी तरह सावधानी और निष्पक्षता से निपटा जाए, इसके लिए तत्परता से कदम उठा रही हूं। उन्होंने कहा कि मेरा नाम ऐसी बात में घसीटा जा रहा है जिसके बारे में मुझे कोई आभास नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे पास कुछ अलग योजनाएं हैं ताकि योग्य उम्मीदवार बेरोजगार न हों या उनकी सेवा में कोई रुकावट न आए।
दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी और भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एसएससी शिक्षकों की नौकरी जाने के बाद वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता बनर्जी को जेल जाना चाहिए। वह मुख्य लाभार्थी हैं। उनके भतीजे ने 700 करोड़ रुपये की रिश्वत ली। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन 26000 लोगों के लिए जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अपनी नौकरी खो दी है। उनके भतीजे (अभिषेक बनर्जी) की इसमें बड़ी भूमिका है।