PM मोदी ने पदकवीरों से की 'दिल की बात', बोले- आप सभी से मुझे मिलती है प्रेरणा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 12, 2021

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तोक्यो पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों की तारीफ करते हुए और उन्हें शाबासी देते हुए कहा कि उन्हें प्रतिस्पर्धा पेश करते हुए देखकर वह प्रेरित महसूस कर रहे थे। भारत ने तोक्यो पैरालंपिक में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पांच स्वर्ण पदक सहित अभूतपूर्व 19 पदक जीते और इस प्रदर्शन की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि भारत के स्टार पैरा खिलाड़ी देश को काफी कुछ दे सकते हैं और उनसे अपील की कि वे खेल के मैदान के बाहर भी बदलाव लाने के लिए भूमिका निभाएं। मोदी ने गुरुवार को पैरा खिलाड़ियों से मुलाकात की जिसका वीडियो रविवार को सार्वजनिक किया गया। उन्होंने इसमें कहा, ‘‘मुझे आप सभी से प्रेरणा मिलती है।’’ खिलाड़ियों ने प्रधानमंत्री को अपना निजी सामान और आटोग्राफ वाला स्टोल दिया। 

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प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आपने हारी हुई मानसिकता को हरा दिया, बहुत बड़ी बात है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘आपकी छोटी चीजें भी देश को काफी प्रेरित कर सकती हैं, आप आगे देश को कैसे प्रेरित करोगे। आप स्कूलों आदि में जा सकते हो। खेल की दुनिया के अलावा आप देश के लिए कुछ और भी कर सकते हो और बदलाव लाने में मदद कर सकते हो।’’ मोदी ने खिलाड़ियों के समर्थन का वादा किया और कहा कि पूरा देश खेल जगत के उत्कृष्टता हासिल करने के सपने को साझा करता है। उन्होंने कहा, ‘‘आप काफी कुछ दे सकते हैं... भविष्य उज्जवल है। मैं हमेशा आपका साथ देने के लिए मौजूद हूं, आपका सपना हमारा सपना है और इसे साकार करने के लिए जो भी करना होगा मैं करूंगा।’’ प्रधानमंत्री ने तोक्यो 2020 पैरालंपिक में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल की नाश्ते पर अपने निवास पर मेजबानी की। मोदी ने स्वर्ण पदक विजेता बैडमिंटन खिलाड़ी कृष्ण नागर से अपने पदक को कोविड-19 योद्धाओं को समर्पित करने के विचार के बारे में पूछा।

मोदी ने कहा, ‘‘यह बात मेरे दिल को छू गई लेकिन जब आपने यह किया तो आप क्या सोच रहे थे?’’ नागर ने कहा, ‘‘मैंने देखा कि स्वास्थ्यकर्मी अपनी परवाह किए बगैर अपना काम कर रहे हैं, इसी से प्रेरित होकर मैंने ऐसा कहा।’’ रजत पदक विजेता टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल ने खुलासा किया कि खेलों के दौरान उन्हें वायरल संक्रमण और बुखार का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, ‘‘इसके कारण मेरा पहला मुकाबला अच्छा नहीं रहा। यह मुश्किल दिन था लेकिन मैंने विदाई के दौरान आपके शब्दों के बारे में सोचा और उस दिन मैं आपसे मुलाकात करने वाले लोगों में शामिल नहीं थी। इसलिए मैंने फैसला किया कि आपसे मिलने के लिए मैं कुछ भी करूंगी। मैंने साथ ही सोचा कि शायद यह मेरा एकमात्र मौका है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘कभी नकारात्मक मत सोचो, आप जाइंट किलर हो।’’ 

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मोदी ने बातचीत के दौरान रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को बधाई दी। पैरालंपिक का आयोजन तोक्यो में 24 अगस्त से पांच सितंबर के बीच किया गया जहां भारत ने अपना अब तक का सबसे बड़ा दल भेजा। भारत के 54 खिलाड़ियों ने नौ खेलों में हिस्सा लिया। भारत ने पांच स्वर्ण के अलावा आठ रजत और छह कांस्य पदक भी जीते। प्रधानमंत्री ने कहा कि पैरा खिलाड़ियों की उपलब्धि से देश में खेल संस्कृति विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि दिव्यांग खिलाड़ियों को कोचिंग देने को लेकर कार्यशाला के आयोजन की जरूरत है, एक किताब भी लिखी जा सकती है।’’ इस दौरान स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने वाली 19 साल की निशानेबाज अवनि लेखरा, भारत के महानतम पैरालंपियन देवेंद्र झाझरिया और निशानेबाज सिंहराज अधाना और मनीष नरवाल के अलावा खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और उनके पूर्ववर्ती किरेन रीजीजू भी मौजूद थे।

खेलों में स्वर्ण और दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला अवनि ने कहा, ‘‘जैसा कि आपने विदाई के दौरान कहा था, अपना सर्वश्रेष्ठ देना और कोई दबाव मत लेना, मैंने खेलों के दौरान यही किया। इस पर कायम रहने से ही पदक मिले।’’ ओलंपिक में हिस्सा लेकर लौटे खिलाड़ियों की तरह प्रधानमंत्री ने पैरा खिलाड़ियों को भी सलाह दी कि वे सफलता को अपने दिमाग पर हावी नहीं होने दें और हार को अपने मन को परेशान ना करने दें। पैरा खिलाड़ियों ने उन्हें आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके साथ बैठकर वे सम्मानित महसूस कर रहे हैं और उनके लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इस सत्र के दौरान 2004 एथेंस खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने वाले झाझरिया ने कहा कि यूनान की राजधानी में उनके प्रतिस्पर्धा पेश करने के लिए उनकी मां को अपने जेवर बेचने पड़े थे। उन्होंने इस तरह तब से आए बदलाव के बारे में बताया। भारत ने 1968 में पदार्पण के बाद से 2016 रियो पैरालंपिक खेलों तक 12 पदक जीते थे। तोक्यो में भारत 162 देशों में 24वें स्थान पर रहा। खिलाड़ियों के लिए यह हैरानी भरा रहा कि प्रधानमंत्री को अतीत में उन्होंने जिन मुश्किल हालातों का सामना किया उसकी भी जानकारी थी।

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