By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 12, 2019
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ विशेषज्ञ ने कहा कि उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों की स्थिति ‘‘अत्यंत गंभीर’’ बनी हुई है और परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए उठ रही अंतरराष्ट्रीय मांगों के साथ यह स्थिति आने वाले साल के लिए भी बड़ी चुनौती होगी। उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉमस क्विंटाना दक्षिण कोरिया की राजधानी सोल में एक संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस अभियान के दौरान हाल ही में उत्तर कोरिया छोड़ने वाले लोगों का साक्षात्कार किया। हर व्यक्ति ने बताया कि आम लोगों का शोषण किया जा रहा है मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया जा रहा है जैसे कि विकास के नाम पर उन्हें मजबूरन विस्थापित किया जाना।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बच्चों समेत उन लोगों की कहानियां बताई गई जिनसे कई घंटों तक मजदूरी कराई गई, उन्हें बिना पारिश्रमिक के काम करने के लिए मजबूर किया गया। एक व्यक्ति ने कहा कि पूरा देश कारावास है।’’ क्विंटाना ने कहा कि निगरानी और आम लोगों की करीबी निगरानी उत्तर कोरिया में जिंदगी की एक सच्चाई है। साथ ही मौलिक आजादी पर भी पाबंदियां हैं।